हिमाचल प्रदेश विधानसभा के शीत सत्र के पांचवें दिन कांग्रेस ने सदन से फिर वॉकआउट किया। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की स्थापना बिल पर दोनों पक्षों में नोकझोंक हुई। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते हुए सदन से बाहर चल गए। उद्योग मंत्री ने हिमाचल प्रदेश शुक्ष्म लघु, एवम मध्यम उद्यम(स्थापना एवम प्रचालन सरलीकरण विधेयक ) 2019 प्रस्तुत किया। जिस पर विपक्ष ने अपना विरोध दर्ज किया। विपक्ष के साथ सीपीआईएम के एकमात्र विधायक राकेश सिंघा ने भी विरोध दर्ज किया और सदन से वाकआउट कर दिया। विपक्ष के विरोध के बावजूद बिल पारित कर दिया गया। विपक्ष का आरोप है कि इससे हिमाचल में पूंजीवादी जमीन खरीदेंगे। विपक्ष हिमाचल ऑन सेल की जो बात करता रहा है वह सही साबित हो रही है। विपक्ष इसके खिलाफ सड़कों पर उतरेगा। बता दे बिल के तहत, राज्य सरकार ने व्यवस्था की है कि नया उद्योग लगाने को तीन साल तक एनओसी लेने की जरूरत नहीं होगी। प्रदेश सरकार उद्योगपतियों को राहत देने के लिए पहले ही इस पर अध्यादेश ला चुकी है।
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