विक्रमादित्य सिंह ने बताया जीत का मूलमंत्र, क्या पार्टी मानेगी उनकी सलाह

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विक्रमादित्य सिंह ने एक बार फिर से पार्टी की हार पर आत्मचिंतन करने व पार्टी को मजबूत करने के लिए अपनी राय रखी है उन्होंने कहा कि

अब व समय आ गया हैं , जब हमें पूर्ण रूप से आत्मचिंतन करने की आवश्यकता है, हमने पहले भी कई बार इस विषय पर विचार रखे हैं और आज पुनः उस बात को दोहरा रहे हैं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की सबसे बड़ी ताक़त पार्टी में लोकतांत्रिक तरीक़े से संगठनात्मक चुनाव करवाना और उसके माध्यम से नेतृत्व को चुनना रहीं हैं।

इतिहास कि हर पन्ने हम उठाकर देखें हमें हमेशा बूथ स्थर से राष्ट्रीय स्तर तक चुनाव , संगठनात्मक चर्चा और हर मुद्दे पर तर्क के साथ समर्थन व असहमति के कई उदाहरण मिलेंगे, जो हमेशा कांग्रेस पार्टी की विशेषता रहीं हैं।

जैसा श्री राहुल गांधी जी सदेव कहते हैं, की कांग्रेस केवल एक पार्टी नहीं परंतु एक सोच हैं , देश के विभिन प्रान्तों, समुदाय, वर्ग को एक माला में पिरोने का काम हमेशा कांग्रेस पार्टी ने किया हैं, जिसने हर विचारधारा के लोगों को पनपने और अपने विचार रखने की स्वतंत्रता दिलाई हैं।

करोना काल के पश्चात राष्ट्रीय स्तर से बूथ स्तर तक “संगठनात्मक चुनाव” करवाना , राज्य से नेताओं का सशक्तिकरण और मुद्दा आधारित राजनीति ही हमारे विचार से आगे का रास्ता हैं, जिस पर पार्टी की शीर्ष नेतृत्व को गहर चिंतन मंथन और समय रहते कठोर निर्णय लेने की आवश्यकता है।

विक्रमादित्य सिंह हमेशा से ही अपनी बेबाक राय रखने के लिए माने जाते है ऐसे में एक बार फिर से वो सामने आए है व पार्टी को सही दिशा में ले जाने के लिए क्या करना चाहिए वो बताते हुए नजर आए है अब देखना है कि पार्टी के सर्वोच्च नेता कब उनकी सलाह को मानते है या फिर पुराने ढर्रे पर ही चलना चाहते है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक