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विंग कमांडर की कसौली में गई थी जान, मां ने हार्ले-डेविडसन से मांगे 1.95 करोड़

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नई दिल्ली: सड़क हादसे में जान गंवाने वाले भारतीय वायु सेना के विंग कमांडर सुनील अग्निहोत्री की 80 वर्षीय बुजुर्ग मां गायत्री देवी ने मोटरसाइकिल कंपनी हार्ले-डेविडसन के खिलाफ  दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में 1.95 करोड़ का मुकदमा दायर किया है। गायत्री देवी का आरोप है कि हार्ले-डेविडसन की बाइक के दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन के कारण उन्होंने अपना बेटा और वायु सेना ने एक अफसर खोया है। गायत्री देवी के वाद पर पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सुनैना शर्मा ने हार्ले-डेविडसन को समन जारी कर जवाब मांगा है। मामले में अगली सुनवाई 21

जनवरी को होगी।

मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हाथरस निवासी गायत्री देवी ने अधिवक्ता पुष्पेंद्र ढाका के माध्यम से पटियाला हाउस कोर्ट में मुकदमा दायर किया है। पुष्पेंद्र ढाका ने बताया कि मार्च 2014 में पायलट सुनील ने गुरुग्राम स्थित हार्ले-डेविडसन के शोरूम से 41 लाख कीमत की एक्सजी-750 स्ट्रीट-750 मॉडल की बाइक खरीदी थी। वर्ष 2017 में हिमाचल प्रदेश के कसौली स्थित एयर फोर्स स्टेशन पर तैनाती के दौरान सुनील 19 मार्च 2017 को बाइक का फ्यूल-कैप ठीक कराने के लिए शहर में जा रहे थे। पहाड़ी इलाके में ढलान पर दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन के कारण अचानक बाइक अनियंत्रित हो गई और सुनील तेज रफ्तार से एक पेड़ से टकरा गए। इस दुर्घटना में सुनील को कई जगह चोटें आई और उनकी मौत हो गई। कसौली के धर्मपुर थाने में मामला दर्ज किया गया था। सुनील के परिजनों ने हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला अदालत में वाद दायर किया, जिस पर फैसला लंबित है।

पुष्पेंद्र ढाका ने बताया कि दोषपूर्ण ब्रेकिंग डिजाइन का यह पहला मामला नहीं है। उन्होंने दलील दी कि अमरीका में भी ऐसी घटनाएं हो चुकी हैं और इस संबंध में मिली 43 शिकायतों के आधार पर अमरीका परिवहन प्राधिकरण ने भी इसकी जांच शुरू की थी। उन्होंने अमरीका के एक अखबार में छपी खबर का हवाला देते हुए बताया कि हार्ले-डेविडसन ने 19 मई 2015 से छह दिसंबर 2018 तक के बीच 750 मॉडल वाली हजारों बाइकों का उत्पादन बंद किया था और ब्रेक डिजाइन में भी बदलाव किया था। उन्होंने यह भी दावा किया कि भारत में भी दोषपूर्ण ब्रेक डिजाइन को लेकर 35 बाइक मालिकों ने समय-समय पर शिकायत दर्ज कराई है। उन्होंने ऐसे बाइक मालिकों की सूची भी अदालत में पेश की है। उन्होंने कहा कि सुनील का 1.80 लाख रुपए प्रति माह का वेतन था। ऐसे में मोटर-व्हीकल एक्ट के हिसाब से पांच करोड़ का मुआवजा बनता है, लेकिन सांकेतिक रूप में 1.95 करोड़ के मुआवजे देने की मांग की है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक