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वायुसेना में भर्ती के नाम पर युवाओं को थमा दिए फर्जी इंटरव्यू कॉल लेटर, जांच में खुलासा

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वायुसेना में भर्ती के नाम पर झांसे में आए युवाओं को फर्जी इंटरव्यू कॉल लेटर भी थमाए गए थे। स्टेट सीआईडी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी लाखों रुपये ऐंठने के बाद तीनों युवकों को दिल्ली में वायुसेना के मुख्यालय के बाहर लेकर गया था। वहां युवाओं को मुख्यालय के बाहर पार्क में बैठाकर फार्म भरवाए गए थे। इसके बाद उन्हें यह कहकर भेज दिया गया कि उनका काम हो जाएगा। ठगी के शिकार युवाओं के परिजनों ने उक्त फर्जी इंटरव्यू कॉल लेटर भी सीआईडी को सौंपे हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी ने बैंक खाते और लाखों रुपये की रकम शिकायतकर्ताओं से ली थी। जब भी आरोपी भर्ती की तिथि उन्हें बताता था, उसके आने पर उन्हें झांसा दिया जाता था कि भर्ती रद्द हो गई है।वायुसेना में भर्ती के नाम पर झांसे में आए युवाओं को फर्जी इंटरव्यू कॉल लेटर भी थमाए गए थे। स्टेट सीआईडी की प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी लाखों रुपये ऐंठने के बाद तीनों युवकों को दिल्ली में वायुसेना के मुख्यालय के बाहर लेकर गया था। वहां युवाओं को मुख्यालय के बाहर पार्क में बैठाकर फार्म भरवाए गए थे। इसके बाद उन्हें यह कहकर भेज दिया गया कि उनका काम हो जाएगा। ठगी के शिकार युवाओं के परिजनों ने उक्त फर्जी इंटरव्यू कॉल लेटर भी सीआईडी को सौंपे हैं। अभी तक की जांच में पता चला है कि आरोपी ने बैंक खाते और लाखों रुपये की रकम शिकायतकर्ताओं से ली थी। जब भी आरोपी भर्ती की तिथि उन्हें बताता था, उसके आने पर उन्हें झांसा दिया जाता था कि भर्ती रद्द हो गई है ।जब इसी तरह से कई बार शिकायतकर्ताओं को आरोपी लाखों रुपये लेने के बाद भी भर्ती होने के नाम पर टालमटोल और झूठे आश्वासन देता रहा तो उन्हें धोखाधड़ी का अहसास हुआ। इसके बाद उन्होंने पैसे वापस मांगना शुरू किए। पंकज ने 80,000 रुपये लौटा दिए, लेकिन शेष राशि देने के लिए आनाकानी करता रहा। वर्ष 2022 से वर्ष 2024 के बीच दो वर्षों तक दो परिवारों से तीन बच्चों को भर्ती करवाने के लिए साढ़े ग्यारह लाख रुपये की रकम ली गई। लेकिन उन ही नौकरी मिली और न ही पैसे वापस दिए गए। मामले की जांच आगे बढ़ने पर और खुलासे भी हो सकते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक