वन विभाग का कड़क एक्शन, रुकवाया गिरिनदी पर 14 करोड़ से बनने वाले पुल का निर्माण कार्य

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वन महकमे के श्री रेणुका वन मंडल ने कड़क एक्शन लिया है। इसके तहत गिरिनदी पर 14 करोड़ की लागत से निर्माणाधीन पुल के कार्य को रुकवा दिया गया है। दरअसल, लोक निर्माण विभाग बगैर वन संरक्षण अधिनियम 1980  की स्वीकृति के कार्य को करने में जुटा हुआ था।

इसको लेकर विभाग द्वारा बार-बार लोक निर्माण विभाग को एफसीए की स्वीकृति लेने को लेकर पत्राचार किया जा रहा था। एक साल बीत जाने के बाद भी पीडब्ल्यूडी ने गंभीरता नहीं दिखाई तो वन विभाग की टीम को मौके पर पहुंच कर कार्य को रुकवाने पर विवश होना पड़ा।

बुधवार को मौके की निशानदेही भी प्रस्तावित थी। वन विभाग का तर्क है कि निर्माण स्थल में वन विभाग की भूमि का इस्तेमाल भी हो रहा है, लिहाजा एफसीए की मंजूरी लाजमी है। वन विभाग की कार्रवाई के बाद पीडब्ल्यूडी महकमा बैकफुट पर आ गया है। वन विभाग ने ठेकेदार को भी नोटिस जारी किया था। नोटिस में कार्य को बंद करने के निर्देश दिए गए थे।

जानकारी के मुताबिक लोक निर्माण विभाग के अधिकारी एफसीए की स्वीकृति को लेकर कोई दस्तावेज प्रस्तुत नहीं कर पाए थे। करीब 135 मीटर लंबे डबल लेन पुल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। गौरतलब है कि पुराने पुल की उम्र काफी हो चुकी है, इसी कारण समय रहते ही गिरिनदी पर नए पुल का निर्माण कार्य शुरू कर दिया गया था। पुल के दो पीलर्स में से एक का कार्य पूरा हो चुका है। तय अवधि में निर्माण कार्य नहीं हो पाया है, अब लोक निर्माण विभाग के सामने नई समस्या आ गई है।

वन मंडल की डीएफओ उर्वशी ठाकुर ने कहा कि लोक निर्माण विभाग से एक साल से अनुमति लेने को लेकर पत्राचार किया जा रहा था, लेकिन गंभीरता नहीं दिखाई गई। लिहाजा, वन संरक्षण अधिनियम की अवहेलना पर कार्य को रोक दिया गया है। उन्होंने कहा कि मौके की निशानदेही भी करवाई जा रही है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद अगली कार्रवाई की जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक