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वक्फ बोर्ड को लेकर पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने की बड़ी टिप्पणी

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पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने सोशल मीडिया अकाउंट पर वक्फ को लेकर बड़ी टिप्पणी की है। प्रदेश में चल रहे मस्जिद विवाद के बीच सोशल मीडिया पर उन्होंने लिखा कि वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने लिखा कि ”हिमाचल और हिमाचलियत के हित सर्वश्रेष्ठ, सर्वत्र हिमाचल का संपूर्ण विकास। आगे लिखते हैं कि ”समय के साथ हर कानून में तब्दीली लाना आवश्यक है। वक्फ बोर्ड में भी बदलते समय के साथ सुधार की आवश्यकता है।

  

विक्रमादित्य सिंह की पोस्ट पर लोग अलग-अलग प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं।”शिमला, मंडी और नेरवा में मस्जिदों में हुए अवैध निर्माण के खिलाफ भड़की विरोध की चिंगारी सिरमौर पहुंच गई है। शनिवार को शिलाई में देवभूमि संघर्ष समिति के बैनर तले सैकड़ों लोग सड़क पर उतरे और जिले के भीतर बिना पंजीकरण रह रहे बाहरी राज्यों के लोगों की जांच की मांग की और वक्फ बोर्ड की कार्यप्रणाली के खिलाफ आवाज उठाई।  समिति ने वक्फ बोर्ड पर भू माफिया के तौर पर काम करने का आरोप लगाते हुए इसे तुरंत भंग करने की मांग उठाई। समिति ने कहा कि वक्फ बोर्ड की आड़ में विशेष समुदाय सरकारी जमीन पर लगातार कब्जे कर रहा है। लोगों ने विश्रामगृह से लेकर एसडीएम कार्यालय तक रैली निकाली और एसडीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू को ज्ञापन भी भेजा।देवभूमि संघर्ष समिति के अध्यक्ष ओम प्रकाश और उपाध्यक्ष विनोद नेगी ने कहा कि शिलाई क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोगों ने जमीन खरीदी है। गाताधार में 14 बीघा जमीन खरीदने का मामला सामने आया है और जमीन का मालिक अब उनके पास नौकर बन गया है। द्राबिल पंचायत में भी 22 लोगों ने जमीनों की पावर आफ अटॉर्नी ग्रामीणों से ली हुई है। दूसरे राज्यों से आकर यहां पहचान छिपाकर रह रहे विशेष समुदाय के लोगों से प्रदेश की शांति को खतरा पैदा हो गया है। दो दशकों से हिमाचल की जनसांख्यिकी को बदलने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है। बाहरी राज्यों के लोग संगठित होकर माफिया के रूप में काम कर रहे हैं। उन्होंने प्रशासन से मांग कि अवैध रूप से बनी मस्जिदों और मजारों को हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई की जाए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक