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लोगों के स्वास्थ्य के साथ एक बार फिर से खिलवाड़

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दवाइयां बनाने वाली कंपनी ने लोगों के स्वास्थ्य के साथ किया खिलवाड़, 13 सैंपल हुए फेल...

हिमाचल प्रदेश के लोगों के स्वास्थ्य के साथ एक बार फिर से खिलवाड़ हुआ है। जी हां, प्रदेश में बनने वाली 10 से अधिक दवाओं के सैंपल फेल पाए गए हैं जिससे लोगों में हड़कंप मच गया है। देश की कुल 48 दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं जिनमें 13 दवाएं हिमाचल प्रदेश में तैयार हुई है। उधर, दवाओं के सैंपल फेल पाए जाने के बाद कंपनियों को नोटिस जारी कर दिए हैं और बाजार में भेजी दवाओं के स्टॉक वापस लाने के निर्देश दिए गए हैं। बता दें कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मार्च में देशभर से 1454 दवाओं के सैंपल भरे थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश की जिन दवाओं के सैंपल फेल हुए हैं, उनमें कांगड़ा के संसारपुर टैरेस की सीएमजी कंपनी की दर्द निवारक दवा गेटोलीन, बद्दी के ऐश्वर्य हेल्थ केयर की एलर्जी की दवा बुनेस 0.5 रेसपुलम, डलास कंपनी की उच्च रक्तचाप की टेलमीसारटन 40 एमजी, समाया हेल्थ केयर की बवासीर की दवा लिग्नोकेन हाईड्रोक्लोराइड, मखनू माजरा के मार्टिन एंड ब्राऊन बायो साइंस की संक्रमण की दवा मेट्रोनिस, नालागढ़ के सैणीमाजरा स्थित थ्योन फार्मा कंपनी की दर्द की ट्रिपसिन ब्रोमोलीन और उच्च रक्तचाप की टेलमीसारटन, कालाअंब के रामपुर जट्टान स्थित एडविन फार्मा की उल्टी की दवा एसोमीप्रोजोल, विद्यासा फार्मास्युटिकल कंपनी की मुहासे की दवा एसोट्रेटोनीन, लोदीमाजरा स्थित मेडीकोज फार्मा की किडनी की दवा, बरोटीवाला के कॉसमस फार्मा की उच्च रक्तचाप की दवा ओलमेसार्टन, पांवटा में लेबोट्रेट फार्मास्युटिकल की बुखार की दवा पैरासिटोमोल, सोलन के मैक्स रिलीफ हेल्थ केयर की बुखार की दवा पैरासिटामोल के सैंपल फेल हुए हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक