लोक तंत्र को बचाने के लिए किया प्रस्ताव पारित जन-जन तक पहुंचाएंगे : रिजिजू
* देश में अगर अघोषित आपातकाल होता तो कांग्रेस के नेता जेल में होते
* लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत, संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण, सुरक्षा और रक्षा का मूर्तरूप है
शिमला, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई कैबिनेट की मीटिंग में एक प्रस्ताव पास किया गया है, जिसमें कहा गया है, ‘आपातकाल में लोकतंत्र की हत्या हुई थी।’ कैबिनेट मीटिंग में कहा गया है कि लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत, संवैधानिक मूल्यों के संरक्षण, सुरक्षा और रक्षा का मूर्तरूप है।
उन्होंने कहा कि सरकारी एवं पार्टी इस प्रस्ताव को देश के जन-जन तक पहुंचने में कार्य करेगी क्योंकि लोकतंत्र को जिंदा रखने की जिम्मेदारी देश के प्रति एक व्यक्ति की है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आपातकाल के समय बड़े नेताओं को जेल में डाल दिया गया था और आम आदमी की स्वतंत्रता छीन ली गई थी यहां तक की मीडिया एवं ज्यूडिशरी की भी स्वतंत्रता पर लगाम लगा दि गई थी। उसे समय की सरकारें चाहती थी कि देश की ज्यूडिशरी एक परिवार के प्रति समर्पित हो, उसे समय की कांग्रेस सरकार का यह रुख था कि एक परिवार देश पर राज करें और एक तरफ लोकतंत्र मर जाए।
केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि आज देश में विपक्ष छोटी सी किताब लेकर घूम रहा है और संविधान बचाने की गुहार लगा रहा है। हम उनको याद दिलाना चाहते हैं जब देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो संविधान को जागरूक करने के लिए एक यात्रा का आयोजन कर करते थे जिसके उपरांत देश में 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है, आज से पहले कभी देश में संविधान दिवस मनाया ही नहीं जाता था।