लॉकडाउन से छूट मिलते ही राजगढ़ ब्लॉक में मनरेगा के काम में लौटे 735 मजदूर

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लॉकडाउन से छूट मिलते ही राजगढ़ ब्लॉक में मनरेगा के काम में लौटे 735 मजदूर
लॉकडाउन से छूट मिलते ही राजगढ़ ब्लॉक में मनरेगा के काम में लौटे 735 मजदूर

सरकार द्वारा मनरेगा कार्यों में छूट दिए जाने के बाद राजगढ़ ब्लॉक में 785 मजदूर  काम पर लौट आए है और ग्रामीण क्षेत्रों में जनजीवन धीरे धीरे सामान्य होने लगा है । सबसे अहम बात यह है कि लोगों को अपने ही वार्ड में दिहाड़ी लगाने के लिए काम मिल रहा है । शाया सनौरा पंचायत की गीता देवी, बिमला देवी, कुब्जा देवी, कौशल्या देवी, सेवाराम, जोगिन्द्र सिंह सहित अनेक मजदूरों द्वारा मनरेगा के कार्य आरंभ करने के लिए सरकार का आभार व्यक्त किया गया है । विशेषकर महिला  मजदूरों का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान काम न मिलने के कारण उन्हें घर पर काफी परेशानी हो रही थी। गीता देवी और बिमला देवी ने बताया कि मनरेगा के माध्यम से वह स्वाबलंबी बनी है अन्यथा उन्हें घर के छुपपुट खर्चो के लिए किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ रहा है और उन्हें मनरेगा के कार्यों से 198 रूपये दिहाड़ी मिल रही है । इन्होने बताया कि इस पंचायत में मनरेगा के तहत खेतों के सुधार और सिंचाई के काफी काम चले हुए हैं ।

खंड विकास अधिकारी राजगढ़ रमेश शर्मा ने मनरेगा के तहत चल रहे विभिन्न विकास कार्यों का शुक्रवार को निरीक्षण करने के उपरांत बताया कि सरकार द्वारा 21 अप्रैल से दी गई छूट के चलते प्रथम चरण में 80 विकास कार्यों पर काम आरंभ हो गया है जिनमें भूमि सुधार, सिंचाई व्यवस्था के अतिरिक्त सामूहिक कार्यों में रास्तों को पक्का करना, सामूहिक टैंकों का निर्माण  इत्यादि कार्य शामिल हैं । उन्होने बताया कि किसानों को अपनी भूमि  सुधार  और व्यक्तिगत टैंक के निर्माण के  लिए क्रमशः एक-एक लाख की राशि दी जाती है जिसके अधिकांश मामले स्वीकृत किए गए है।


रमेश शर्मा ने बताया कि राजगढ़ ब्लॉक में मनरेगा के तहत करीब 6 करोड़ के 350 कार्य स्वीकृत किए गए हैं। अभी तक 17 पंचायतों में मनरेगा के कार्य आरंभ हो गए है और शेष 13 पंचायातों में 27 अप्रैल के बाद विकास कार्य शुरू होगें । उन्होने बताया लॉकडाउन के कारण मनरेगा कार्यों के लिए सीमेंट, बजरी, रेत इत्यादि की आपूर्ति नहीं हो पा रही है जिसके लिए जिला प्रशासन के साथ गंभीरता के साथ मामला उठाया गया है ताकि सभी स्वीकृत कार्य आरंभ किए जा सके ।

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