लाहुल में पहाड़ी धंसने से चंद्रभागा नदी का बहाव रुका, चार घर डूबे, दो गांवों में दहशत का माहौल

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लाहुल के नाल्डा गांव में पहाड़ी के टूटने से चंद्र भागा नदी का बहाव रुक गया है।

आपदाओं से जूझ रहे हिमाचल में लाहुल की पटन घाटी के नाल्डा गांव में पहाड़ी के टूटने से चंद्रभागा नदी का बहाव रुक गया है। क्षेत्र के जुण्डा नाले के सामने नालड़ा पहाड़ी में भारी भूस्खलन से चार घर डूब गए हैं। लोगों में दहशत का माहौल है। पानी रुकने से साथ लगते जसरथ व हालिंग गांव की जमीन व गावं को खतरा बड़ गया है। जसरथ में लोगों के घर खाली करवाए जा रहे हैं। चंद्रभागा का बहाव रुकने से लाहुल स्‍पीति समेत चंबा  के किलाड़  व जम्‍मू कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ तक भी खतरा बढ़ गया है। नदी बांध का रूप लेती जा रही है।

सुबह लगभग नौ बजे के समय पहाड़ी टूटने की आवाज समस्त पटन घाटी में सुनाई दी। पहाड़ी से मलबा लगातार टूटता जा रहा है और नदी के बहाव को लगभग 25 मिनट से रोके रखा है। नदी रुकने से जाहलमा से किलाड़ घाटी तक सड़क किनारे रह रहे लोगों को खतरा पैदा हो गया है। नदी का बहाव रुकने से जुंडा से जोबरंग की ओर नदी किनारे की जमीन पानी मे डूबने लगी है। जसरथ गांव के लोग अधिक खतरे में पड़ गए हैं।

आपदाओं से जूझ रहे हिमाचल में लाहुल की पटन घाटी के नाल्डा गांव में पहाड़ी के टूटने से चंद्रभागा नदी का बहाव रुक गया है। क्षेत्र के जुण्डा नाले के सामने नालड़ा पहाड़ी में भारी भूस्खलन से चार घर डूब गए हैं। लोगों में दहशत का माहौल है। पानी रुकने से साथ लगते जसरथ व हालिंग गांव की जमीन व गावं को खतरा बड़ गया है। जसरथ में लोगों के घर खाली करवाए जा रहे हैं। चंद्रभागा का बहाव रुकने से लाहुल स्‍पीति समेत चंबा  के किलाड़  व जम्‍मू कश्‍मीर के किश्‍तवाड़ तक भी खतरा बढ़ गया है। नदी बांध का रूप लेती जा रही है।

सुबह लगभग नौ बजे के समय पहाड़ी टूटने की आवाज समस्त पटन घाटी में सुनाई दी। पहाड़ी से मलबा लगातार टूटता जा रहा है और नदी के बहाव को लगभग 25 मिनट से रोके रखा है। नदी रुकने से जाहलमा से किलाड़ घाटी तक सड़क किनारे रह रहे लोगों को खतरा पैदा हो गया है। नदी का बहाव रुकने से जुंडा से जोबरंग की ओर नदी किनारे की जमीन पानी मे डूबने लगी है। जसरथ गांव के लोग अधिक खतरे में पड़ गए हैं।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक