लद्दाख हिंसा में चार लोगों की मौ..त, 72 जख्मी
पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रहे प्रदर्शनकारियों ने भाजपा ऑफिस जलाया, शहर में मार्च-रैली
केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे छात्रों के प्रदर्शन ने बुधवार को तब हिंसक रूप ले लिया, जब राजधानी लेह में प्रदर्शनकारी छात्रों की पुलिस भिड़ंत हो गई। प्रदर्शनकारी छात्रों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की फिर सीआरपीएफ की गाडिय़ां फूंक दी। भाजपा दफ्तर को भी आग के हवाले कर दिया। आंदोलनकारी छात्रों को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे। इससे छात्र और उग्र हो गए और पत्थरबाजी करने लगे। पुलिस को उग्र छात्रों पर लाठीचार्ज और फिर फायरिंग करनी पड़ी। इस संघर्ष में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 72 लोग घायल हैं। छात्रों का यह विरोध प्रदर्शन लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा दिए जाने और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग के समर्थन में था। इसी मांग को लेकर मशहूर पर्यावरणविद सोनम वांगुचक पिछले 15 दिनों से भूख हड़ताल पर थे। बुधवार को स्थानीय लोगों ने सोनम वांगचुक के समर्थन में लद्दाख बंद का आह्वान किया था। इसके बाद सैकड़ों लोग लेह की सडक़ों पर उतर आए थे और इसी दौरान उनकी पुलिस से भिड़ंत हो गई और मामला बिगड़ गया। फिलहाल स्थिति कंट्रोल में है और प्रशासन ने लेह में बिना अनुमति रैली, प्रदर्शन पर बैन लगा दिया है।
केंद्र सरकार ने छह अक्तूबर को लद्दाख के प्रतिनिधियों को बातचीत के लिए बुलाया है। वहीं सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने हिंसा के बाद अनशन खत्म कर दिया। उन्होंने हिंसक प्रदर्शन पर दुख जताया और शांति की अपील की।