रोस्टर में देरी से लटक सकता है निकाय चुनाव, पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर में होगा पूरा
रोस्टर में देरी के चलते शहरी निकायों (नगर पंचायत, नगर परिषद और नगर निगम) का चुनाव आगे सरक सकता है। हिमाचल राज्य चुनाव आयोग ने शहरी विकास विभाग को रोस्टर लागू करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन विभाग की ओर से अभी तक इसे लागू नहीं किया गया है। उपायुक्त कार्यालयों में रोस्टर तैयार हैं। लेकिन विभाग ने रोस्टर लागू करने से पहले कैबिनेट की मंजूरी लेना आवश्यक समझी है। ऐसे में उपायुक्तों को पत्र लिखकर रोस्टर को फिलहाल रोकने की बात कही गई है। उधर, राज्य चुनाव आयोग का मानना है कि रोस्टर लागू न होने से चुनाव की औपचारिकताएं रुकी पड़ी है।
अगर चुनाव करने में देरी होती है तो ऐसे में निकायों में प्रशासक की तैनाती करनी पड़ेगी। हिमाचल प्रदेश में जनवरी 2026 में शहरी निकायों के प्रतिनिधियों का कार्यकाल पूरा होना है। इससे पहले इलेक्शन कमीशन को चुनाव की तैयारियां पूरा करनी होंगी। मतदाता सूची, पोलिंग पार्टियों के लिए कर्मचारियों का चयन, स्टेशन फिक्स करने की औपचारिकता, बैलेट पेपर और अन्य स्टेशनरी की छपाई की जानी है। इसके अलावा अनेकों कार्य है, जो आयोग को पूरे करने हैं। हिमाचल प्रदेश में 73 नगर निगम, नगर पंचायत, नगर परिषद में चुनाव होने हैं। इसे लेकर चुनाव आयोग ने सभी उपायुक्तों को पहले 11 जुलाई, फिर 15 और अंतिम रोस्टर फाइनल करने की अंतिम तारीख 22 जुलाई दी गई थी, लेकिन अभी तक रोस्टर जारी नहीं हुआ है।
पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर में होगा पूरा
राज्य चुनाव आयोग को शहरी निकायों के साथ पंचायती राज संस्थाओं के भी चुनाव कराने हैं। पंचायत प्रतिनिधियों का कार्यकाल दिसंबर में पूरा होना है। यानी इसके एक महीने बाद शहरी निकायों का चुनाव है। पंचायती राज और शहरी निकायों के चुनाव साथ साथ आ रहे हैं। ऐसे में राज्य चुनाव आयोग के लिए इन चुनाव की औपचारिकताएं पूरी करने में भी दिक्कतें पेश आ रही हैं।