रिक्त पद समाप्त नहीं किए, आज की जरूरत के अनुसार भरने के लिए मांगे हैं प्रस्ताव: CM

Spread the love

हिमाचल प्रदेश सरकार ने दो साल या इससे अधिक समय से सरकारी विभागों या सार्वजनिक क्षेत्रों के उपक्रमों में रिक्त चल रहे सभी पद खत्म करने का आदेशों पर स्थिति स्पष्ट की है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि दो साल से अधिक रिक्त रहे कोई भी पद समाप्त नहीं किए गए हैं। इन पदों को आज के समय की जरूरत के अनुसार भरने के लिए विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं। सीएम ने कहा कि आज के समय में टाइपिंग क्लर्क की जरूरत नहीं है। जिनकी जरूरत नहीं है, उनकी जगह नई पोस्टों को परिवर्तित कर भरेंगे। अब उन्हें जेओए आईटी में कन्वर्ट करना है। सुक्खू ने कहा कि सोशल मीडिया में एक अधिसूचना का हवाला दिया जा रहा कि पदों को खत्म किया गया है, लेकिन ऐसा नहीं है। अब उन्हें जेओए आटी में कन्वर्ट करना है।कहा कि बीते 20 सालों से इन पदों को भरा नहीं गया लेकिन बजट आवंटित कर दिया गया।  इसलिए उन पदों को खत्म किया गया है, जिन पदों की आज के समय में जरूरत नहीं है। सीएम ने कहा कि दो साल का कार्यकाल पूरा होने पहले 19 हजार पोस्टों को भरा गया है और तीन हजार पाइपलाइन में हैं। भर्ती के कोर्ट केसों को निपटाया है। हमारी सरकार ने 19 हजार 103 पद भरने की शुरुआत की है। 5061 पद शिक्षा विभाग में सृजित किए। स्वास्थ्य विभाग में  2679,गृह विभाग में 1924, वन में 2266, 4 486 पद जल शक्ति, 363 लोक निर्माण विभाग में भरे हैं। विपक्ष को भ्रामक प्रचार नहीं करना चाहिए। बीजेपी इसमें माहिर है।

वित्त सचिव ने जारी किए आदेश
वहीं प्रधान सचिव वित्त देवेश कुमार ने भी सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, राज्यपाल के सचिव, विधानसभा सचिव और राज्य उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल को इसे लेकर एक और पत्र भेजा है। इसमें ये कहा गया है कि केवल उन्हीं अनावश्यक पदों को समाप्त किया जाना है, जो सरकार के उक्त विभाग/संगठन में अब किसी काम के नहीं हैं। इसके अलावा यदि आवश्यकता या आवश्यकता के अनुसार परिवर्तित नामकरण के साथ भी कोई और पद सृजित किया जाना है तो सामान्य तंत्र के माध्यम से पूर्ण प्रस्ताव तत्काल वित्त विभाग को भेजा जाए, ताकि समय रहते इसके लिए उचित बजट स्वीकृत किया जा सके। उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालना सुनिश्चित करने को कहा गया है।

क्या है पूरा मामला
बता दें, वित्त विभाग की ओर से एक पत्र जारी किया गया था। पत्र में वर्ष 14 अगस्त, 2012 के दिशा-निर्देशों का हवाला दिया गया। इसमें कहा गया कि विभाग इनकी अनुपालना नहीं कर रहे हैं और न ही वित्त विभाग को इससे संबंधित ब्योरा भेज रहे हैं। प्रधान सचिव वित्त ने स्पष्ट किया है कि इसे प्रदेश सरकार ने गंभीरता से लिया है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि दो साल या इससे अधिक समय से खाली चल रहे अस्थायी या नियमित पदों को खत्म माना जाए और यह भी सुनिश्चित किया जाए कि संबंधित विभाग एक हफ्ते में इन्हें बजट बुक से भी हटवा दें। इसमें विभागों की ओर से किसी तरह की बहानेबाजी नहीं की जानी चाहिए। इसके अलावा यह भी स्पष्ट किया गया है कि दो साल या इससे अधिक समय से रिक्त चल रहे पदों को भरने का कोई भी प्रस्ताव वित्त विभाग को न भेजा जाए। इन दिशा-निर्देशों की सख्ती से अनुपालना की जाए। इसी संबंध में एक और पत्र भी जारी किया गया था।

ग्रीन बोनस पर ये कहा
ग्रीन बोनस मामले पर सीएम ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में हरे व सूखे पेड़ों के कटान पर पूरी तरह प्रतिबंध है। सीएम ने भाजपा सांसदों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनका भी दायित्व बनता है कि पत्र लिखकर सरकार से हिमाचल के लिए ग्रीन बोनस की मांग कर सकते हैं। जो राज्य वन सरंक्षण ज्यादा करते हैं, उन राज्यों को ग्रीन बोनस देना चाहिए। वित्त आयोग को भी कुल कर का दो प्रतिशत जलवायु परिवर्तन और वन संरक्षण के लिए काम करने वाले राज्यों के लिए रखना चाहिए। इसलिए ग्रीन बोनस की मांग की है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक