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रास्ते में हुआ प्रसव चार घंटे बाद आई एंबुलेंस , मां गंभीर, शिशु की मौ##त

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डलहौजी विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की इस मामले ने फिर पोल खोल दी है। एक दिन पहले ही जिले की भजौत्रा पंचायत में गर्भवती महिला और नवजात की मौत की घटना से लोग अभी उभर नहीं पाए थे कि एक और घटना हो गई।

दुर्गम क्षेत्रों में चिकित्सकों की कमी लोगों की जान पर भारी पड़ रही है। एक और मामला चंबा के तेलका क्षेत्र में सामने आया है। यहां गर्भवती ने एंबुलेंस में नवजात को जन्म दे दिया। सांस लेने में दिक्कत होने के कारण नवजात ने दम तोड़ दिया। अधिक रक्त बहने से महिला गंभीर हालत में है और इसे चंबा मेडिकल कॉलेज में भर्ती किया गया है। महिला आईसीयू में है। डलहौजी विधानसभा के ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं के दावों की इस मामले ने फिर पोल खोल दी है।

एक दिन पहले ही जिले की भजौत्रा पंचायत में गर्भवती महिला और नवजात की मौत की घटना से लोग अभी उभर नहीं पाए थे कि एक और घटना हो गई। 24 वर्षीय जेतुन पत्नी यासीन अपने मायके मौडा गांव में प्रसव के लिए आई थी। दोपहर बाद प्रसव पीड़ा होने पर दोपहर करीब 2:00 बजे फोन कर एंबुलेंस को बुलाया। शाम 6:00 बजे एंबुलेंस पहुंची। बताया जा रहा है कि एंबुलेंस किसी दूसरे मरीज को लेकर गई थी। इस कारण देरी से पहुंची।

गर्भवती को लेकर एंबुलेंस मेडिकल कॉलेज के लिए रवाना हुई। एक किलोमीटर की दूरी पर ही गर्भवती महिला ने नवजात को जन्म दे दिया। सांस लेने में दिक्कत होने पर इसकी मौत हो गई। अत्यधिक रक्त बहने से महिला को बेहोशी की हालत में मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया। जहां पर उसे प्राथमिक उपचार देने के बाद आईसीयू में भर्ती करवाया गया है। पीड़ित परिवार को मलाल है कि यदि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र तेलका ( सालवां ) में डॉक्टर होता तो शायद घटना न होती।

कार्यवाहक चिकित्सा अधीक्षक डॉ. देवेंद्र कुमार ने बताया कि महिला को मेडिकल कॉलेज चंबा पहुंचाया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद आईसीयू में रखा गया है। महिला की हालत में पहले से सुधार है। डलहौजी के विधायक डीएस ठाकुर ने बताया कि तेलका और डंडी में चिकित्सकों के पद रिक्त हैं। सरकार और स्वास्थ्य मंत्री को भी अवगत करवाया गया है। चिकित्सक न होने से क्षेत्र की पांच हजार आबादी मुसीबतें बढ़ती जा रही हैंं। सरकार को इस ओर गौर करना चाहिए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक