राजभवन में 15 राज्यों का स्थापना दिवस, “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की संकल्पना को मिला बल

Spread the love

राजभवन में आज केंद्र शासित प्रदेशों सहित 15 राज्यों का स्थापना दिवस मनाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के सपने को साकार करते हुए यह आयोजन किया गया। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। हिमाचल प्रदेश में रहने वाले इन राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों के नागरिक इस कार्यक्रम में शामिल हुए।

    इस अवसर पर शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का प्राथमिक लक्ष्य राज्यों के बीच परस्पर संवाद और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। साझेदारी के माध्यम से राज्यों को अपनी संस्कृति, पर्यटन, भाषा और शिक्षा के पहलुओं को एक-दूसरे के साथ साझा करने का अवसर मिलता है। उन्होंने कहा कि इससे नागरिकों, विशेषकर युवाओं को अपने दृष्टिकोण को व्यापक बनाने और राष्ट्रीय बंधन को मजबूत करने में मदद मिलती है।

उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल विभिन्न समुदायों के बीच आपसी समझ व समन्वय बढ़ाती है और सम्मान को बढ़ावा देती है, जिससे हमारी राष्ट्रीयता की भावना को बल मिलता है।

      राज्यपाल ने कहा कि इन दिवसों को मनाने का उद्देश्य भाईचारे की भावना को बढ़ाना, अखंडता और प्रेम की भावना को मजबूत करना तथा राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने वाले लोगों के प्रयासों को याद करना है। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत केवल एक कार्यक्रम नहीं है, यह एकजुट, समृद्ध और सामंजस्यपूर्ण भारत के लिए एक समग्र दृष्टिकोण है।

        उन्होंने कहा कि इससे हमें यह प्रेरणा मिलती है कि जब हम एक साथ होते हैं तो हम अपने सपनों को पूरा कर सकते हैं। जैसे-जैसे हम आगे बढ़ते हैं, हमें इस पहल की भावना को अपनाना चाहिए, यह समझते हुए कि अंत में, भारतीय के रूप में हमारी साझा पहचान सबसे महत्वपूर्ण है। राज्यपाल ने कहा कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना दिवस मनाने की प्रथा अन्य सभी राज्यों में भी शुरू की गई है, ताकि उनके इतिहास, संस्कृति और रीति-रिवाजों को बेहतर ढंग से जाना और समझा जा सके।

      उन्होंने कहा कि हम किसी भी राज्य, समुदाय, जाति या पंथ से संबंधित हो सकते हैं, लेकिन हम पहले भारतीय हैं और समाज के सभी वर्गों को जागरूक करना व एकमत और स्नेह का संदेश फैलाना आवश्यक है।

        शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि इस तरह के मिलन समारोह एक भारत श्रेष्ठ भारत की संकल्पना को साकार करते हैं। उन्होंने कहा कि हर राज्य की अलग-अलग वेशभूषा और संस्कृति है, लेकिन फिर भी हर भारतीय का दिल भारत के लिए धड़कता है। उन्होंने कहा कि आज हर व्यक्ति को समाज से जुड़े रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीयता हमारी पहचान है। इस अवसर पर लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला भी मौजूद थीं। राज्यपाल और लेडी गवर्नर ने 15 राज्यों के नागरिकों को सम्मानित भी किया।

      कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ़, छत्तीसगढ़, दिल्ली, हरियाणा, कर्नाटक, केरल, लक्षद्वीप, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, तमिलनाडु, पंजाब, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख राज्यों के लोगों ने भाग लिया। उन्होंने राज्यपाल के साथ बातचीत भी की और हिमाचल में अपने अनुभव साझा किए और अपने राज्यों की संस्कृति और रीति-रिवाजों के बारे में भी जानकारी दी।

      कर्नाटक से संबंधित पूर्व पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि विविधता में एकता भारत की पहचान है और आज यह देखकर प्रसन्नता हुई कि केरल का एक व्यक्ति सियाचिन में भी देश की सेवा कर रहा है। इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव सी.पी. वर्मा तथा अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक