राजबन में नौवां शव हुआ बरामद, अंतिम लापता की तलाश जारी

Spread the love

पधर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धमच्याण के राजबन गांव में जारी सर्च आपरेशन में आज एक और शव बरामद हुआ। अब तक यहां से 9 शव बरामद किए जा चुके हैं जबकि अंतिम लापता की तलाश के लिए सर्च आपरेशन अभी भी जारी है। शव की पहचान 46 वर्षीय खुढ़ी पत्नी चंदन लाल के रूप में हुई है। अब सिर्फ 30 वर्षीय हरदेव पुत्र भगत राम की तलाश करना बाकी है। एडीएम मंडी डा. मदन कुमार ने नौवां शव मिलने की पुष्टि की है।उन्होंने बताया कि जो अंतिम लापता बचा है उसकी तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्द ही अंतिम लापता की तलाश भी करके इस सर्च ऑपरेशन को विराम दे दिया जाएगा।

बादल फटने के कारण दब गए थे 10 लोग
बता दें कि राजबन गांव में बीती 31 जुलाई की रात को बादल फटने की घटना में तीन घर चपेट में आ गए थे। इसमें दो घर पूरी तरह से दब गए थे जबकि तीसरे घर को भी भारी नुकसान पहुंचा था। इन तीन घरों के 12 लोग इसकी चपेट में आए थे जिनमें से 2 घायल थे जबकि 10 लापता हो गए थे। गांव तक मशीनरी को ले जा पाना संभव नहीं था तो प्रशासन ने अपने बचाव दलों और स्थानीय लोगों की मदद से यहां पर सर्च ऑपरेशन शुरू किया। आज इस सर्च ऑपरेशन के छठे दिन नौंवा शव बरामद हो गया है।

छठे दिन गांव पहुंची मशीन
हादसे के छठे दिन कड़ी मशक्कत के बाद जिला प्रशासन पोकलेन मशीन को गांव तक पहुंचा पाने में कामयाब हो पाया। क्योंकि गांव तक जाने वाली सड़क और अन्य रास्ते पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुके थे। ऐसे में मशीनरी ले जा पाना संभव नहीं था। लेकिन अब मशीन के पहुंचने के बाद इसकी मदद से मलबा हटाने का कार्य किया जा रहा है।

वहीं, जिला प्रशासन और उपमंडलीय प्रशासन की टीमें घटनास्थल पर शुरू से ही डटी हुई है। पहले डीसी मंडी अपूर्व देवगन ने खुद मोर्चा संभाला और उसके बाद एडीएम मंडी डा. मदन कुमार मौके पर मौजूद रहे। कार्यकारी एसडीएम एवं तहसीलदार पधर भावना घटनास्थल पर लगातार डटी हुई हैं।

बीते तीन दिनों से प्रशासन की तरफ से जिला राजस्व अधिकारी हरीश शर्मा ने मोर्चा संभाला हुआ है। इसके अलावा नायब तहसीलदार, कानूनगो और पटवारी सहित पंचायत प्रतिनिधि और अन्य जनप्रतिनिधियों सहित राहत एवं बचाव टीमें दिन रात इस कार्य में जुटी हुई हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक