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राजगढ़ शहर में गाड़ियों का जाम हुआ आम

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 सड़कों के दोनों ओर गाड़ियां खड़ी करने से   राजगढ़ शहर में जाम की समस्या आम हो गई है । सबसे ज्यादा गाड़ियों का जाम शिरगुल मंदिर के निचे, गुरूद्वारा और यूको बैक के नीचे सड़क पर लगता है । हालांकि पुलिस द्वारा वाहनों की आवाजाही सामान्य रूप से चलाने के लिए काफी प्रयास किए जा रहे हैं  दूसरी ओर शहर में पार्किंग समस्या विकराल रूप धारण कर रही है । बाहर से आने वाले वाहन धारकों को शहर में पार्किंग व्यवस्था न होने के कारण प्रतिदिन पुलिस कर्मियों से जूझना पड़ता है । शायद राजगढ़ प्रदेश का पहला शहर होगा जहां पर प्रतिदिन  हल्के  व दुपहिया वाहनों के सबसे ज्यादा चालान होते है चूंकि शहर में सरकारी अथवा निजी क्षेत्र में कोई भी पार्किंग सुविधा उपलब्ध नहीं है । हैरत का विषय है कि बीते तीस वर्षों से अस्तित्व में आने के उपरांत स्थानीय नगर पंचायत पार्किंग की समस्या का समाधान नहीं कर पाई है । जिसके चलते लोगों में नगर पंचायत व स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर कई सवाल उठाए है ।

अव्यवस्था का आलम यह है शहर के सड़कों के किनारे स्थानीय लोगों ने स्थाई पार्किंग बना ली है जिनकों हटाने की  स्थानीय पुलिस अथवा नगर पंचायत ने आजतक कोई  कदम नहीं उठाए है  । बाहर से आने वाले वालों की दुर्दशा यह है कि यदि थोड़ी देर के लिए पुराने अडडा अथवा माल रोड़ पर गाड़ी खड़ी करते हैं तो पुलिस कर्मी मोबाईल से फोटो खींच कर ऑनलाइन चालान कर देते हैं ।
अनेक वाहन धारकों का कहना है कि बढ़ती वाहनों की संख्या को देखते हुए सरकार को  जनहित में पार्किंग की व्यवस्था करनी चाहिए ताकि वाहन धारक चालान के दंश का शिकार न बन सके चूंकि राजगढ़ से हरिपुरधार नौहराधार, खैरी, बड़ूसाहिब, हाब्बन चंदोल धामला पुलवाहल के लिए वाहनों की दिनभर आवाजाही रहती है । लोग दूरदराज से बाजार से सामान खरीदने, अस्पताल  अथवा विभिन्न दफतरों के काम से आते हैं । पार्किंग ने होने से लोगों को बड़ी परेशानी पेश आती है । दूसरी ओर पूर्व सरकार के सीएम जयराम ठाकुर ने राजगढ़ में वर्ष 2018 में पार्किंग निर्मित करने की घोषणा की गई थी जोकि आजतक केवल कागजों में सिमट करके रह गई है । विधानसभा चुनाव के कुछ दिनों पहले पार्किंग के लिए प्लाट की कटिंग का काम आरंभ किया गया और चुनाव समाप्त होते ही बंद हो गया । एक्सीयन लोनिवि मंडल राजगढ़ राजगढ़ ने बताया कि पार्किंग की ड्राईग तैयार कर ली है जिसे अनुमोदन हेतू प्रेषित किया गया है । तदोपरांत डीपीआर बनाई जाएगी ।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक