हिमाचल पुलिस के 8 “साइबर कमांडो”, देश के प्रतिष्ठित संस्थानों से पूरी की ट्रेनिंग
डिजिटल युग में अपराधों से सख्ती से निपटने की दिशा में हिमाचल प्रदेश पुलिस ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के आठ पुलिस अधिकारियों ने देश के प्रमुख संस्थानों में उन्नत साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी की है। यह उपलब्धि गृह मंत्रालय के “डिजिटल फोर्स” विज़न को मजबूती देती है और राज्य की साइबर सुरक्षा क्षमता को एक नई दिशा में ले जाती है।
ट्रेनिंग पूरा करने वाले इन आठ अधिकारियों में सबसे पहले लांस हेड कांस्टेबल मनु शर्मा, लांस कांस्टेबल मधु शर्मा और कांस्टेबल राम शर्मा ने 30 मार्च 2025 को गांधीनगर स्थित राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (RRU) से साइबर क्राइम इन्वेस्टिगेशन की ट्रेनिंग सफलतापूर्वक पूरी की। उसी दिन, कांस्टेबल आकाश ठाकुर ने नेशनल फॉरेंसिक साइंसेज यूनिवर्सिटी (NFSU), गांधीनगर से प्रशिक्षण प्राप्त किया। इसके बाद 1 अप्रैल 2025 को कांस्टेबल शुभम चौहान ने आईआईटी मद्रास (IIT Madras) में इस उन्नत प्रशिक्षण को पूरा किया।
वहीं, हेड कांस्टेबल आशीष कुमार, कांस्टेबल रोहित गुलेरिया और कांस्टेबल शशांक तनवर 13 अप्रैल 2025 को एनएफएसयू दिल्ली (NFSU Delhi) से प्रशिक्षण पूरा करेंगे। इन सभी अधिकारियों की यह विशेष प्रशिक्षण यात्रा, हिमाचल प्रदेश पुलिस को साइबर अपराधों से निपटने में अत्यधिक सक्षम बनाने की दिशा में एक मजबूत आधारशिला के रूप में देखी जा रही है।
राज्य की साइबर सुरक्षा को मिलेगा नया बल
इन प्रशिक्षित अधिकारियों की तैनाती के बाद हिमाचल पुलिस की साइबर सेल को तकनीकी रूप से अत्याधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा बल मिलेगा। ये अधिकारी न केवल जटिल साइबर अपराधों की जांच में निपुण होंगे, बल्कि आने वाले समय में राज्य में साइबर जागरूकता व प्रशिक्षण कार्यक्रमों का भी हिस्सा बनेंगे।