ये सोलन अस्पताल है जनाब यहां सहायता करने वालों को सम्मानित नहीं बल्कि अपमानित किया जाता है

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सोलन के क्षेत्रीय अस्पताल में कुछ लोगों को सड़क किनारे बेहोश व्यक्ति को ले जाना महंगा पड़ गया। उन्हें क्या पता था कि क्षेत्रीय अस्पताल में ले जाकर उन्हे अपमानित होना पड़ेगा। ये पहला मामला नही जब  आपातस्थिति में आने वाले मरीजों और तीमारदारों को कर्मचारियों का दुर्व्यवहार सहना पड़ा हो। पहले भी कई बार ऐसा हो चुका है।

दरअसल आज आपातस्थिति में सड़क किनारे बेहोशी की हालत में गिरे व्यक्ति को लेकर कुछ लोग पहुंचे तो उन्हें आरकेएस के।माध्यम से लगे रेडियोलॉजिस्ट से दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा। हालांकि इसकी लिखित शिकायत चिकित्सा डॉ. एसएल वर्मा को भी दी गई है।

हुआ यूं कि सपरून चौक के समीप सुबह 10:45 बजे एक व्यक्ति बेहोशी की हालत में सड़क किनारे गिरा हुआ था। व्यक्ति की हालत काफी दयनीय लग रही थी। जिसे देखते हुए स्थानीय लोगों ने 108 एंबुलेंस को फोन किया। लेकिन काफी देर तक एंबुलेंस नहीं आई तो लोगों ने ऑटो की मदद से व्यक्ति को क्षेत्रीय अस्पताल पहुंचाया। जहां पहुंचने पर तुरंत इलाज तो शुरू हुआ। लेकिन जब व्यक्ति का इसीजी करवाने के लिए कहा गया तो तकनीकी कर्मचारी ने तीमारदार बनकर आए लोगों के साथ दुर्व्यवहार करना शुरू कर दिया। उनसे कहा गया कि ये क्या तुम्हारा रिश्तेदार लगा हुआ है जो तुम इसके साथ खड़े हो। जब उन लोगों ने कहा कि ये हमारा रिश्तेदार नही है वो तो मानवता के कारण उसे यहां लेकर आए है। तब उसने कहा कि कोई एहसान नहीं किया जो तुम इसे यहां लाए हो। उसके बाद उन्होंने भी उस पर एतराज जताया और इसकी जानकारी मेडिकल सुपरिटेंडेंट को दी।

गौर रहे कि उक्त कर्मचारी के खिलाफ क्षेत्रीय अस्पताल में दुर्व्यवाहर के कई बार मामले आ चुके है। जिसे लेकर लोग कई बार शिकायत भी कर चुके है। लेकिन कोई सख्त कार्रवाई नहीं की गई। यही कारण है कि ये व्यक्ति बार बार लोगों से ऐसा व्यवहार करता है। अस्पताल में कर्मचारियों की कमी है इसका भी वो फायदा उठाता है। अस्पताल प्रशासन मामले में नकेल कसने की बजाए चुप्पी साधे बैठा है।

वहीं इस बारे मेडिकल सुपरिटेंडेंट एसएल वर्मा ने कहा कि तकनीकी कर्मचारी की पहले भी कई बार शिकायत आ चुकी है। जिसके बारे में उच्चाधिकारियों को बताया जा चुका है। अब फिर लोगों से दुर्व्यवहार का मामला आया। जिसकी लिखित शिकायत पर कार्रवाई की जाएगी और उच्चाधिकारियों को भी इस बारे बताया जाएगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक