युवा बचाओ आंदोलन: चिट्टे की रोकथाम हेतु दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन”
सोलन, 23 मार्च 2025:
हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा 22-23 मार्च 2025 को सोलन सब्जी मंडी हॉल में आयोजित दो दिवसीय सामग्री निर्माण कार्यशाला ने युवाओं को चिट्टे जैसे नशे से बचाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए। इस कार्यशाला में सोलन और शिमला के ज्ञान विज्ञान समिति के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य चिट्टे के बढ़ते प्रभाव के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना और इसके रोकथाम के लिए कार्यक्रमों की सामग्री तैयार करना था। इस अवसर पर समाज में चिट्टे के बुरे प्रभावों और इसके कारण हो रहे सामाजिक संकट पर गहन विचार-विमर्श हुआ। ज्ञान विज्ञान समिति भविष्य में पंचायत स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर चिट्टे की रोकथाम के लिए कार्यक्रम आयोजित करेगी।
कार्यशाला के दौरान प्रशासन द्वारा चिट्टे के सप्लाई रिडक्शन पर किए जा रहे प्रयासों की सराहना की गई, लेकिन इस बात पर भी बल दिया गया कि सरकार को डिमांड रिडक्शन पर भी ध्यान देना चाहिए। यह चर्चा की गई कि चिट्टे के आदि व्यक्ति एक अपराधी नहीं, बल्कि एक रोगी होते हैं, जिनका इलाज आवश्यक है। इनके उपचार के लिए मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक पहलुओं पर काम करने की जरूरत है।
साथ ही, कार्यशाला में माता-पिता, शिक्षकों और मित्रों की भूमिका पर भी विचार किया गया। इस पर चर्चा की गई कि वे किस प्रकार बच्चों को इस नशे के दलदल में फंसने से रोक सकते हैं और जो बच्चे इस जाल में फंस चुके हैं, उन्हें बाहर निकालने में किस तरह मदद कर सकते हैं।
कार्यशाला के दूसरे दिन, जिला कल्याण अधिकारी गावा नेगी ने भी कार्यक्रम में भाग लिया और कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने चिट्टे के प्रभावी इलाज और समाज में इसके प्रति जागरूकता फैलाने के प्रयासों की सराहना की।
समिति के वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने इस बात पर जोर दिया कि युवाओं को इस नशे से बचाने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएं और सरकार से अपेक्षा की कि नीतियों में बदलाव लाकर इस मुद्दे पर संवेदनशीलता से काम किया जाए। कार्यशाला में यह भी कहा गया कि स्कूलों, कॉलेजों और अस्पतालों में मनोवैज्ञानिकों की भारी कमी है और चिट्टे के उपचार के लिए पुनर्वास कार्यक्रमों का अभाव है।