युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने की अपने पद से इस्तीफे की पेशकश
पद से मोह छोड़े और नए युवाओं को दे मौका –मनीष ठाकुर
युवा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मनीष ठाकुर ने अपने पद से इस्तीफे की पेशकश की है और उन्होने नेताओं से भी आग्रह किया कि एक पद पर ज्यादा समय तक नहीं टिकना चाहिए। पद से मोह अच्छी बात नहीं और ये युवाओं का समय है इसलिए अगली पीढ़ी को आगे आने का मौका देना चाहिए। पार्टी हाईकमान को भेजी ई-मेल मे उन्होने लिखा कि संगठन में अब नए लोगों की जरूरत है। उन्होने कहा कि संगठन में नए लोगों के आने से संगठन को नई सोच और नई ऊर्जा मिलती है।
थर्ड आई से बातचीत मे भी उन्होंने कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव को देखते हुए वे अपने विधानसभा क्षेत्र पावंटा साहिब को ज्यादा समय देना चाहते हैं और अब दिन रात वहां के लोगों की सेवा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस पद को छोड़ने के लिए उनका दिल तो नहीं है लेकिन संगठन की बेहतरी के लिए इस तरह के निर्णय को ले रहें है और ऐसा सभी को करना भी चाहिए क्योकि ये समय की जरूरत होती है। युवा कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी जगदेव गागा व अमरप्रीत लाली, दमन बाजवा को भेजी ई-मेल में उन्होने पूरे प्रदेश में सभी का सहयोग मिलने पर आभार जताया है। उन्होने कहा कि काफी वर्षों से एक ही जगह पर बैठे पदाधिकारी भी निष्क्रियता दिखा रहे हैं यही कारण है कि ऐसे लोगों के कारण संगठन को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि संगठन में अब नए लोगों की जरूरत है।
मनीष ठाकुर ने पार्टी हाईकमान को लिखे पत्र में कहा कि नई कार्यकारिणी के गठन को संगठन की प्रक्रिया को अपनाए। दूसरे राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में सदस्यता अभियान शुरू करें। उन्होंने राहुल गांधी का आभार व्यक्त करते हुए कहा उनकी वजह से ब्लॉक स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक कार्य करने का मौका मिला है। इसके अलावा श्रीनिवासन, कृष्णा, सूरज हेगड़े, राजीव सातव, राजा बरार, केशव चंद यादव, अमरप्रीत लाली, जगदेव गागा, अमित यादव, दमन बाजवा राष्ट्रीय पदाधिकारी, प्रदेश पदाधिकारी लोकसभा पदाधिकारी, विधानसभा पदाधिकारियों का आभार व्यक्त किया है।
गौरतलब है कि पावंटा से सुखराम चौधरी के भाजपा से मंत्री बनने के बाद मनीष ठाकुर की राह भी इतनी आसान नहीं रह गई है। जहां उन्हे कांग्रेस से टिकट लेने के लिए पहले करनेश जंग से टिकट की जंग जितनी होगी वहीं अब सुखराम से अपनी नैया पार लगाना भी आसान नहीं होगा। ऐसे में अगर वो पावंटा से दूर रहते है तो इसका खामियाजा उन्हे जरूर उठाना पड़ सकता है लेकिन इन सबसे पहले पार्टी उन्हे टिकट देती है ये भी कहना जल्दबाज़ी होगी लेकिन गांधी परिवार से उनकी नजदीकी भी जगजाहिर है।
लेकिन आज अपने इस्तीफे की पेशकश कर उन्होने उन नेताओं को सबक जरूर दे दिया है जो वर्षों से संगठन में कब्जा जमाए बैठे है ।