युवाओं ने बांस की लकड़ी, मिट्टी और सीमेंट से बनाया देसी जिम

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विकास खंड बमसन की चमनेड पंचायत के युवाओं ने कोरोना महामारी जैसी आपदा को अवसर में बदला है। कोरोना कर्फ्यू के चलते जिम बंद हैं। इसके चलते गांव के तीन युवाओं ने कसरत करने के लिए देसी तकनीक से जिम तैयार किया है। बॉडी बिल्डिंग के शौकीन युवाओं ने जिम बंद होने के बाद कसरत नहीं छोड़ी और बांस, सीमेंट, मिट्टी आदि से जिम के उपकरण देसी तरीके से तैयार किए हैं।

चमनेड़ गांव में युवाओं ने सीमेंट, बांस व मिट्टी से बनाए जिम उपकरण।

इन्होंने एक अखाड़ा भी कुश्ती की प्रैक्टिस के लिए बनाया है। गांव के युवक यहां प्रैक्टिस करते हैं। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते ज्यादा युवाओं को नहीं आने दिया जाता है, लेकिन इस मोहल्ले के युवा यहां कसरत करते हैं। गांव के लोगों ने भी इस जोश को सराहा है। युवाओं प्रवीण कुमार, राजीव कुमार और दीपक ने मेहनत कर इस देसी जिम को बनाया है। इससे पहले यह युवा जिम जाते थे, लेकिन कोरोना कर्फ्यू के कारण जिम बंद होने पर इन्होंने घर पर ही देसी जिम बनाया है। यहां सीमेंट और मिट्टी से बने डंबल, भार उठाने वाले बड़े डंबल, अभ्यास के लिए बेंच प्रेस, अखाड़ा, पुल अप के लिए स्थान, अभ्यास के अन्य उपकरण बनाए हैं।


इन युवकों का कहना है कि आपदा में इन्होंने यह उपकरण बनाए हैं, ताकि उनकी कसरत पर प्रभाव न पड़े। साथ ही जिम में हजारों रुपये खर्च करने पड़ते हैं। देसी तकनीक से इन उपकरणों से भी वैसा ही अभ्यास होता है। आपदा में उन्होंने यह जिम तैयार किया है। इसके बाद अब फिलहाल वह यहां कसरत कर रहे हैं। बॉडी बिल्डिंग के साथ साथ इम्युनिटी बढ़ाने के लिए भी यह कसरत कारगर है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक