युद्ध स्मारक में भारत-पाक युद्ध के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

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भारत-पाक युद्ध का 51वां विजय दिवस समारोह पूर्व सैनिक लीग, हिप्र डिफेंस विमेन वेलफेयर एसोसिएशन व सैनिक कल्याण विभाग द्वारा शहर के संकन गार्डन में स्थित युद्ध स्मारक में मनाया गया। इस मौके पर रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर,चेयरमैन एक्स सर्विसेज लीग रिटायर्ड कर्नल प्रताप सिंह विशेष रूप से मौजूद रहे।  पूर्व सैनिकों व वीर नारियों ने इस मौके पर दो मिनट का मौन रखकर 1971 भारत-पाक युद्ध में शहादत का जाम पीकर सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। विजय दिवस पर वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर रिटायर्ड ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि यह युद्ध 3 दिसंबर से 16 दिसंबर 1971 तक चला था। 14 दिन के इस युद्ध में भारतीय सेना पूर्ण तैयारी व प्लानिंग के साथ उतरी थी। उन्होंने कहा कि भारत की ओर से पूर्वी कमान के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल जेएफआर जैकब की इस युद्ध में बहुत बड़ी भूमिका रही थी।

मेजर जनरल जैकब ने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी को हथियार डालने पर मजबूर कर 16 दिसंबर 1971 को पूर्वी पाकिस्तान को आजाद करवाया, जो आज बांग्लादेश के नाम से जाना जाता है।गौरतलब है कि इस युद्ध में देश के 3843 शूरवीरों ने शहादत का जाम पिया था और 9851 सैनिक घायल हुए थे। प्रदेश के 190 सैनिकों ने इस युद्ध में अपने प्राणों की आहुति दी है, जिनमें मंडी जिला के 21 शूरवीर शामिल थे। इस युद्ध में सेना की पूर्वी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा के सामने पाकिस्तान के लेफ्टिनेंट जनरल एएके नियाजी ने लगभग 93 हजार सैनिकों के साथ आत्मसमर्पण किया था। उसी दिन से हर वर्ष 16 दिसंबर को भारत-पाक युद्ध विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। संकन गार्डन में इस मौके पर शहीदों के परिजन, पूर्व सैनिक लीग, हिमाचल वूमन डिफेंस वेलफेयर एसोसिएशन व दर्जनों पूर्व सैनिक मौजूद रहे।

   

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक