मुस्लिम महिला पुलिस कप्तान के लिए क्या हिमाचल के कांग्रेस विधायक बन गए मुसीबत?
हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को बहाल करने की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. याचिका में दावा किया गया था कि अफरोज पर छुट्टी के लिए दबाव डाला गया और उनके तबादले से कानून-व्यवस्था बिगड़ी. न्यायालय ने अफरोज के तबादले पर लगी रोक भी हटा दी. यह तबादला कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी के साथ मतभेदों के बाद हुआ था.हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने राज्य के सोलन जिले में बद्दी की पुलिस अधीक्षक (एसपी) के रूप में आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज को बहाल करने की मांग वाली एक याचिका को खारिज कर दिया है. न्यायमूर्ति तरलोक सिंह चौहान और न्यायमूर्ति सुशील कुकरेजा की बेंच ने अर्जी को खारिज किया है.
याचिका ढोलोवाल गांव के कृषक सुच्चा राम ने दायर किया था, जिसमें दावा किया गया था कि जब अफरोज बद्दी एसपी थीं तो उनपर छुट्टी लेने के लिए दबाव डाला गया था और उनके ट्रांसफर के बाद क्षेत्र में कानून व्यवस्था खराब हो गई थी. खंडपीठ ने अफरोज के तबादले पर लगी रोक भी रद्द कर दी.
कांग्रेस विधायक के साथ मतभेद
2018 बैच की आईपीएस अधिकारी इल्मा अफरोज वर्तमान में शिमला में राज्य पुलिस मुख्यालय में तैनात हैं. अफरोज जब बद्दी की एसपी थीं तब वह 15 दिन की छुट्टी पर चली गई थीं. कांग्रेस विधायक राम कुमार चौधरी के साथ मतभेद के कारण उन्होंने ये फैसला लिया था. हालांकि चौधरी ने अधिकारी की स्वीकृत छुट्टी में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है.
हिमाचल प्रदेश पुलिस सेवा (एचपीपीएस) के अधिकारी विनोद कुमार धीमान को 14 नवंबर को बद्दी एसपी का कार्यभार सौंपा गया था. राम चौधरी ने अपनी जनहित याचिका में कहा कि अफरोज जब बद्दी एसपी थीं, तब उन्होंने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास (बीबीएनडी) क्षेत्र में अवैध खनन, मादक पदार्थों की तस्करी और संगठित अपराध के खिलाफ सख्त कार्रवाई की थी.