मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। बजट में कई बड़ी घोषणाएं की गई है। जानिए बजट की बड़ी बातें…
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तुत किया। वर्ष 2024-25 में राजस्व प्राप्तियां 42,153 करोड़ रुपये रहने का अनुमान है तथा कुल राजस्व व्यय 46,667 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4,514 करोड़ रुपये अनुमानित है। राजकोषीय घाटा 10,784 करोड़ रुपये अनुमानित है जोकि प्रदेश के उत्पाद का 4.75 प्रतिशत है। 2024-25 के बजट अनुसार प्रति 100 रुपये व्यय में से वेतन पर 25 रुपये, पेंशन पर 17, ब्याज अदायगी पर 11, ऋण अदायगी पर 9 रुपये, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10, जबकि शेष 28 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे। विकास दर 7.1 रहने का अनुमान है। प्रति व्यक्ति आय 2,35,199 रुपये है। सकल घरेलू उत्पाद 2,07,430 करोड़ रुपये अनुमानित है। विधायक ऐच्छिक निधि बढ़ाई
विधायक प्राथमिकताओं के वित्तीय पोषण की वर्तमान सीमा को 175 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 195 करोड़ रुपये किया गया है। विधायक ऐच्छिक निधि को 13 लाख रुपये से बढ़ाकर 14 लाख रुपये प्रति विधानसभा क्षेत्र कर दिया जाएगा। विधायक क्षेत्र विकास निधि के अंतर्गत प्रति विधान सभा क्षेत्र राशि 2. 20 करोड़ रुपये की गई। 2024-25 में एक हजार करोड़ रुपये उन कार्यों पर खर्च किए जाएंगे जो पूरा होने के करीब हैं।सरकारी कर्मचारियों- पेंशनरों को दिया तोहफा
सीएम सुक्खू ने घोषणा की कि जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच सेवानिवृत हुए लीव एनकैशमेंट और ग्रेच्युटी से संबंधित एरियर का भुगतान 1 मार्च 2024 से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो जाएगा। सभी कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन तथा पेंशन से संबंधित एरियर का भुगतान चरणबद्ध ढंग से 1 मार्च 2024 से शुरू कर दिया जाएगा। वहीं, 1 अप्रैल 2024 से चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते की किश्त जारी कर दी जाएगी। इस पर लगभग 580 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष अतिरिक्त व्यय किए जाएंगे। 1 अप्रैल 2024 के बाद प्रदेश के कर्मचारी अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार एलटीसी की सुविधा मिलेगी। दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी। आउटसोर्स कर्मियों को अब न्यूनतम 12,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। पंचायत वैटनरी असिसटेंट को मिलने वाले 7000 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 7500 किया जाएगा। सभी सहकारी सभाओं का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं सहित इनका मानदेय बढ़ाने की घोषणा
बढ़े हुए मानदेय के साथ आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 10000 रुपये मासिक, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7000 रुपये, सहायिका को 5500, आशा वर्कर 5500, मिड-डे मील वर्कर्ज 4,500, जलवाहक (शिक्षा विभाग) 5000, जल रक्षक 5300, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता को 5000, पैरा फिटर तथा पंप ऑपरेटर 6300, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी, आउटसोर्स कर्मीअब न्यूनतम 12,000, पंचायत चौकीदार को 8000, राजस्व चौकीदार को 5800, राजस्व लंबरदार 4200 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे। इसके साथ सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500, एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में 1900 रुपये, आईटी शिक्षकों को 1900 , एसपीओ को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी दी जाएगी।
पंचायत एवं शहरी निकाय जनप्रतिनिधियों का बढ़ा मानदेय
पद पहले अब
जिला परिषद अध्यक्ष 20000 24000
जिला परिषद उपाध्यक्ष 15000 18000
जिला परिषद सदस्य 6500 7800
पंचायत समिति अध्यक्ष 9500 11400
पंचायत समिति उपाध्यक्ष 7000 8400
पंचायत समिति सदस्य 6000 7200
पंचायत प्रधान 6000 7200
पंचायत उपप्रधान 4000 4800
पंचायत सदस्य 500 750 (प्रति बैठक)
नगर निगम महापौर 20000 24000
नगर निगम उपमहापौर 15000 18000
नगर निगम पार्षद 7000 8400
नगर परिषद अध्यक्ष 8500 10200
नगर परिषद उपाध्यक्ष 7000 8400
नगर परिषद सदस्य 3500 4200
नगर पंचायत प्रधान 7000 8400
नगर पंचायत उपप्रधान 5500 6600
नगर पंचायत सदस्य 3500 4200वन मित्र भर्ती होंगे, वन रक्षक भी होंगे भर्ती
सभी 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र की नियुक्ति की जाएगी। वन विभाग में वन रक्षक 100 रिक्त पदों को भरा जाएगा। भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि को 3000 रुपये से बढ़कर 5000 रुपये किया गया। पुलिस कर्मियों की डाइट मनी बढ़कर 1000 रुपये की गई। सभी वाहनों की फिटनेस स्वचालित परीक्षण केंद्र के माध्यम से अनिवार्य होगी। बगलामुखी रोपवे का निर्माण कार्य पूरा करके इसी वर्ष में इसे प्रदेश की जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। 10 वन मंडलों में लगभग 13 हजार खैर के पेड़ काटने की योजना है। इससे प्रदेश के राजस्व में भी वृद्धि होगी। माननीय न्यायालय अनुमति के से चीड़ के पेड़ काटने की अनुमति के लिए भी याचिका दायर करेगी। इससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होने के साथ-साथ ईको सिस्टम की गुणवत्ता भी सुधरेगी। निरमंड, कुनिहार और उबादेश (कोटखाई), छोटा भंगाल तथा कांगड़ा के चौराह घाटी में अग्निशमन इकाईयां खुलेंगी।
पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को बड़ा तोहफा
प्रदेश सरकार युवाओं को खेलों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 2024-25 में नई खेल नीति बनाएगी। शनिवार को विधानसभा सदन में बजट भाषण में मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने ओलंपिक, एशियन और कॉमनवेल्थ खेल विजेताओं को दी जाने वाली पुरस्कार राशि में भी बढ़ोतरी करने की भी घोषणा की। ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर पुरस्कार राशि को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया है। एशियन खेलों में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर पुरस्कार राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 30 लाख से बढ़ाकर 2.05 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 1.03 करोड़ रुपये किया। कॉमनवेल्थ में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर पुरस्कार राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 30 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये किया। उन्होंने कहा कि टीम स्पर्धाओं में विजेता हिमाचली खिलाड़ियों को प्राप्त पदक के आधार पर उपरोक्त पुरस्कार राशि में से प्रत्येक खिलाड़ी को प्रतिनिधित्व के अनुपात में बराबर बांटा जाएगा।
राज्य से 200 किलोमीटर की दूरी वाले स्थानों में हवाई जहाज से सफर कर खिलाड़ी खेलने जाएंगे। 200 किलोमीटर से कम दूरी पर एसी थ्री टायर की सुविधा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने उत्कृष्ट खिलाड़ियों को विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए तय तीन फीसदी कोटे में वर्तमान 43 खेलों की संख्या बढ़ाने का भी ऐलान किया। खेल हॉस्टलों में रहने वालों और प्रदेश में होने वाली खेल प्रतियोगिताओं में शामिल होने पर 400 रुपये डाइट मनी देने का एलान किया। प्रदेश से बाहर खेलने के लिए जाने वाले विद्यार्थियों को 500 रुपये डाइट मनी की घोषणा की। प्रारंभिक स्तर के खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 250 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। अन्य सभी खिलाड़ियों को प्रदेश में होने वाली खेलों में भाग लेने पर 400 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। प्रदेश के बाहर होने वाली खेलों में भाग लेने पर समान रूप से 500 रुपये प्रतिदिन दिए जाएंगे। प्रदेश के खेल हाॅस्टलों में रहने वाले सभी खिलाड़ियों को 250 रुपये तथा 400 रुपये की डाइट मनी दी जाएगी।
363 मकान आवंटित किए जाएंगे
नगर निगम धर्मशाला, सोलन और शिमला और नगर परिषद् नालागढ़ और परवाणू में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग से संबंधित ऐसे व्यक्तियों को 363 मकान आवंटित किए जाएंगे जिनकी वार्षिक आय तीन लाख रुपये से कम है। मुख्यमंत्री विधवा एवं एकल नारी आवास योजना के तहत ऐसे सभी लाभार्थियों को गृह निर्माण के लिए दी जा रही डेढ़ लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर 3 लाख रुपये करने की घोषणा की गई। मनरेगा दिहाड़ी में 60 रुपये की बढ़ोतरी। विधवा, एकल/बेसहारा/दिव्यांग महिला मनरेगा कामगारों को मकान बनाने के लिए लाख रुपये तक की सहायता दी जाएगी। वाल्मीकि समाज के आइयों तथा कामगारों के लिए आवास निर्माण में राहायता के लिए नई योजना महर्षि वाल्मीकि कामगार आवास योजना शुरू की जाएगी।
मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना शुरू होगी
मुख्यमंत्री सुख आरोग्य योजना शुरू करने की बजट में घोषणा की गई है। इसके अंतर्गत प्रदेश में 70 वर्ष से अधिक आयु के आयकर नहीं दे रहे सभी वृद्धों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी। मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी। विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और दिव्यांग माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के आरडी खाते में 18 वर्ष की आयु तक 1 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे। वृद्धावस्था, विधवा, एकल नारी, दिव्यांग, कुष्ठ रोगी पेंशन के 40 हजार नए पात्र लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
छह हजार प्री प्राइमरी शिक्षक होंगे भर्ती, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मिलेगा अवसर
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में इस वर्ष छह हजार प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती किए जाएंगे। पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा। इसके लिए इन्हें ब्रिज कोर्स भी करवाया जाएगा। बीते कई वर्षों से प्री प्राइमरी शिक्षकों की भर्ती लटकी है। प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र की मजबूती के लिए सबसे ज्यादा 9,560 कराेड़ रुपये के बजट का मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में एलान किया। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने बजट भाषण में कहा कि इस वर्ष 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑॅफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। 500 प्राइमरी, 100 हाई, 200 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों और 50 कॉलेजों को इसमें शामिल किया जाएगा। इन संस्थानों में शिक्षकों के सभी स्वीकृत पदों को भरने के साथ स्मार्ट क्लास रूम तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। तय मापदंडों के आधार पर इन संस्थानों का मूल्यांकन करवाया जाएगा। प्रदेश के सभी स्कूल और कॉलेजों के प्रिंसिपल और हेडमास्टर शिक्षा के क्षेत्र में आवश्यक नेतृत्व दें, इसके लिए स्कूल-कॉलेज लीडरशीप प्रशिक्षण शुरू किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूलों और समाज के बीच बेहतर तालमेल के लिए तथा सामुदायिक भागीदारी बढ़ाने के लिए अपना विद्यालय-मेरा विद्यालय-मेरा योजना शुरू की जाएगी। इसके तहत मुख्यमंत्री से लेकर खंड स्तर के अधिकारी एक-एक शिक्षण संस्थान को गोद लेंगे। समुदाय को स्कूलों से जोड़ने के लिए यह फैसला लिया गया है। इसके तहत पात्र एवं इच्छुक व्यक्तियों द्वारा निशुल्क शिक्षा देने में सहयोग दिया जाएगा। सरकार ने हर माह एक स्कूल का निरीक्षण कर विद्यार्थियों-शिक्षकों की कार्यशैली की समीक्षा करने का जिम्मा उपमंडल अधिकारियों को सौंपा है। इसके तहत अभिभावकों के साथ भी संवाद किया जाएगा। बैठक में स्कूलों के रखरखाव को लेकर भी निर्णय लिए जाएंगे।
प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना शुरू होगी
बजट में प्रदेश सरकार ने अन्नदाता और प्राकृतिक खेती पर विशेष ध्यान केंद्रित किया है। खेती को रोजगार से जोड़ने के लिए राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के तीसरे चरण में राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्टअप योजना की घोषणा की गई है। योजना के तहत हर पंचायत से 10 किसानों को जहर मुक्त खेती करने के लिए चयन किया जाएगा। योजना में प्रदेश के 36,000 किसान लाभान्वित होंगे।
पहले से प्राकृतिक खेती कर रहे किसानों को प्राथमिकता मिलेगी। यूरिया और 12:32:16 का इस्तेमाल न कर गोबर खाद का इस्तेमाल करने वालों से एमएसपी पर गेहूं 40 रुपये किलो और मक्की 30 रुपये किलो खरीदी जाएगी। सरकार का दावा है कि यह एमएसपी पूरे देश में सर्वाधिक है। इस योजना से किसान प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रोत्साहित होंगे। 15 हजार एकड़ भूमि को वेब पोर्टल के जरिये प्राकृतिक खेती भूमि के रूप में प्रमाणीकृत किया जाएगा। 10 नए किसान उत्पादक संगठन गठित होंगे। 2024-25 में इस पर 50 करोड़ खर्च होंगे। खेतों की फैंसिंग के लिए जालीदार बाड़ और कांटेदार तार लगाने के लिए 10 करोड़ खर्च होंगे। मोटे अनाज के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार होगी। शिमला जिले में मेहंदली तथा शिलारू तथा कुल्लू जिला में बंदरोल में नई मंडियों का निर्माण होगा। सिरमौर में पांवटा साहिब, खैरी, घंडूरी और नौहराधार, कुल्लू में चौरीबिहाल, पतलीकुहल और खेगसू, मंडी में टकोली और कांगनी, कांगड़ा में जसूर, पासू तथा पालमपुर तथा सोलन में परवाणू, कुनिहार और वाकनाघाट मंडियों का उन्नयन होगा। किसानों की सुविधा के लिए चैटबोट और एआई पर आधारित भू-अभिलेख, हेल्पडेस्क तथा किसानों के डाटाबेस सहित एक वेब आधारित कृषि पोर्टल और मोबाइल एप बनाया जाएगा। सब्जी उत्पादन के माध्यम से किसानों को उचित गुणवत्ता की पौध तथा उन्हें आवश्यक प्रशिक्षण देने के लिए एक हाईटेक सब्जी नर्सरी उत्पादन उत्कृष्टता केंद्र खोला जाएगा।
दूध के लिए पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य
प्रदेश सरकार ने बजट में पशुपालकों का भी खासी तवज्जो दी है। दूध उत्पादन को प्राकृतिक खेती से जोड़कर किसानों की आय में वृद्धि होगी। दूध उत्पादन को प्रोत्साहित के लिए पहली बार न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया गया हैष ऐसा करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बना है। 1 अप्रैल 2024 से गाय तथा भैंस के दूध के न्यूनतम समर्थन मूल्य को क्रमश: वर्तमान 38 रुपये से बढ़ाकर 45 रुपयेे प्रति लीटर और भैंस के दूध को 47 रुपये से 55 रुपये प्रति लीटर के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा जाएगा। प्रदेश के 47,000 दुग्ध उत्पादकों को इसका लाभ मिलेगा। सरकार ने इसी साल जनवरी माह में दूध की कीमतों में प्रतिकिलो 6 रुपये की बढ़ोतरी की थी। 1 अप्रैल 2024 से दूध उत्पादन सोसायटियों से एपीएमसी की ओर से ली जाने वाली मार्केट फीस माफ की जाएगी। दुग्ध उत्पादकों के लिए नए कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू होंगे। ‘हिम-गंगा’ योजना के तहत 2024-25 के दौरान कांगड़ा के ढगवार में 1.5 लाख लीटर प्रतिदिन क्षमता वाले मिल्क एंड मिल्क प्रोडक्ट प्लांट की स्थापना होगी। दत्तनगर मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट में एक अतिरिक्त संयंत्र शुरू होगा। ऊना तथा हमीरपुर में भी मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट स्थापित होंगे, जिन पर 50 करोड़ खर्च होंगे। युवाओं और किसानों को क्लेक्शन सेंटर से दूध प्रोसेसिंग प्लांट तक ले जाने के लिए 50 प्रतिशत उपदान पर 200 रेफ्रीजेरटिड मिल्क वैन उपलब्ध करवाई जाएंगी। दाड़लाघाट में उत्तम पशु नस्ल विकसित करने के लिए कृत्रिम गर्भाधान प्रशिक्षण केंद्र स्थापित होगा। ‘राष्ट्रीय गोकुल मिशन’ के तहत ऊना के बसाल में डेनमार्क के सहयोग से 44 करोड़ रुपये की लागत से एक ‘उत्कृष्टता केन्द्र’ स्थापित किया जाएगा। भेड़ बकरी पालक प्रोत्साहन योजना के तहत 8 लाख भेड़ों और 11 लाख बकरियों का एफएमडब्ल्यू टीकाकरण किया जाएगा। इस पर 10 करोड़ खर्च होंगे। निजी गो सदनों में आश्रित गोवंश के लिए अनुदान 700 रुपये प्रति गोवंश से बढ़ाकर 1200 रुपये किया गया है।
यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल शुरू होगा
2024 के सेब सीजन से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल शुरू कर दिया जाएगा। इस दिशा में आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार करने के लिए सचिव,कृषि की अध्यक्षता में दिसंबर 2023 में एक कमेटी का गठन किया जा चुका है। प्रदेश में उच्च रिटर्न वाले फल जैसे कि ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो, ब्लू बैरी, मैकाडामिया नट के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए डॉ. वाईएस परमार बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के साथ मिलकर आवश्यक दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे। इससे प्रदेश के किसानों की आय में शीघ्र एवं निश्चित वृद्धि होगी। बजट में कृषि क्षेत्र के लिए कुल 582 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं। वर्ष 2024-25 के दौरान बागवानी क्षेत्र में 300 करोड़ रुपये की लागत से कई कार्य होंगे। 75 लघु सिंचाई योजनाओं का निर्माण होगा। लगभग 1200 हेक्टेयर क्षेत्र में उपोष्णकटिबंधीय फलों के उच्च घनत्व वृक्षों का रोपण कार्य किया जाएगा। इसमें 80 कृषक समूहों के लगभग 6500 किसान परिवार लाभान्वित होंगे। 12 करोड़ रुपये की लागत से एक बागवानी उत्कृष्टता केंद्र की स्थापना की जाएगी जोकि गुणवत्ता, कौशल, पर्यटन तथा बाजार संबंधित सभी आवश्यकताओं के लिए वन स्टॉप रिसोर्स सेंटर के रूप में कार्य करेगा। राज्य के अत्याधुनिक उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में फल प्रसंस्करण इकाई स्थापित की जाएगी। 5 करोड़ रुपये की लागत से अमरूद, नींबू तथा अन्यउपोष्णकटिबंधीय फलों को बढ़ावा देने के लिए मदर ट्री/बडवुड बैंक के लिए फाउंडेशन ब्लॉक की स्थापना की जाएगी। बागवानी क्षेत्र के लिए 531 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित है।
मछुआरों को मिलेगा उपदान, कार्प मछली फार्म बनेगा
20 हेक्टेयर क्षेत्र में नए मत्स्य पालन तालाबों के निर्माण के लिए मछुआरों को 80 प्रतिशत उपदान पर आर्थिक सहायता दी जाएगी। जिला हमीरपुर में उत्कृष्टता का केंद्र के रूप में एक नए कार्प मछली फार्म की स्थापना की जाएगी। नालागढ़ स्थित मछली बीज फार्म में 5 करोड़ रुपये की लागत से ब्रूडबैंक’ की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के मछुआरों को मोटरसाइकिल, थ्री-व्हीलर तथा आइस बॉक्स् उपदान पर उपलब्ध करवाए जाएंगे। 10 नए बायोफ्लॉक मछली उत्पादन तालाबों तथा 10 नई लघुबायोफ्लॉक मछली उत्पादन’ इकाइयों की स्थापना की जाएगी। प्रदेश के ठंडे क्षेत्रों में निजी क्षेत्र में ट्राउट मछली उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए 150 नई ट्राउट मछली उत्पादन इकाइयों व दो नई ट्राउट हैचरी का निर्माण होगा।
हिमाचल का सबसे बड़ा सोलर पावर होगा शुरू
पेखुबेला स्थित 32 मेगावॉट क्षमता वाले हिमाचल के सबसे बड़े सोलर पावर प्रोजेक्ट का शिलान्यास 2 दिसंबर 2023 में किया गया था। इसे मार्च 2024 तक के अंत तक पूरा किया जाएगा। ऊना में अघलोर स्थित 10 मेगावॉट क्षमता वाला सोलर पावर प्लांट जून 2024 तक बनाकर तैयार कर दिया। ऊना के भंजाल में पांच मेगावॉट क्षमता वाले सोलर पावर प्रोजेक्ट का सितंबर 2024 तक लोकापर्ण किया जाएगा। राजीव गांधी स्टार्टअप योजना के अंतर्गत निजि भूमि पर 45 प्रतिशत उपदान पर 100 से 500 किलोवॉट तक के सोलर पैनल लगाने के कार्य में गति लाई जाएगी। इस योजना के तहत प्रथम चरण में कुल 100 मेगावॉट सोलर क्षमता का दोहन सुनिश्चित किया जाएगा। निजी भूमि पर स्थापित होने वाली सौर ऊर्जा परियोजनाओं का पंजीकरण पूरे वर्ष के लिए खुला रखा जाएगा जिससे 100 मेगावॉट सौर क्षमता का दोहन शीघ्र संपन्न हो पाएगा। प्रदेश के बाल एवं बालिका आश्रमों तथा वृद्ध आश्रमों और राजीव गांधी मॉडल डे बोर्डिंग स्कूल में ग्रिड से जुड़े रूफ टॉप सोलर प्लांट और जल तापन प्रणाली स्थापित किए जाएंगे ।
कुफरी के नजदीक स्काई वॉक ब्रिज
पांच पर्यटन स्थलों को विकसित किया जाएगा। इनमें लाहौल-स्पीति में चंद्रताल, काजा व तांदी, किन्नौर के रकछम, और नाको-चांबो-खाब शामिल हैं। शिमला में कुफरी के नजदीक हासन घाटी के मशहूर पर्यटन स्थल पर एक स्काई वॉक ब्रिज का निर्माण किया जाएगा। प्रदेश में कुल 16 प्रस्तावित हेलीपोर्ट में से प्रथम चरण में नौ हेलीपोर्ट हमीरपुर में जसकोट, कांगड़ा में रक्कड़ और पालमपुर, चंबा के सुल्तानपुर, कुल्लू में आलू ग्राऊंड, मनाली, किन्नौर में शारबो, तथा लाहौल-स्पिति में जिस्पा, सिस्सू और रांगरिक में विकसित किए जाएंगे। इन नौ हेलीपोर्ट की व्यवहार्यता अध्ययन रिपोर्ट प्राप्त हो चुकी हैं। रक्कड़, सुल्तानपुर और पालमपुर का ओएलएस सर्वे हो चुका है और इनकी डीपीआर शीघ्र ही बनकर तैयार हो जाएंगी। रक्कड़ और पालमपुर का वास्तुशिल्पीय डिज़ाइन प्राप्त हो चुका है। 13 करोड़ रुपये प्रति हेलीपोर्ट की लागत से रक्कड़, पालमपुर, रिकांगपिओ, चंबा में वास्तुशिल्पीय डिजाइन का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। दूसरे चरण में चंबा के पांगी और होली, बिलासपुर के औहर, सिरमौर के धारकियारी, शिमला के चांशल धार, ऊना के जनकौर हर तथा सोलन के गलानाग में हेलीपोर्ट निर्मित किए जाएंगे। इसके लिए भारत सरकार के माध्यम से पवन हंस लिमिटिड से आवश्यक सहायता ली जाएगी।
100 करोड़ से बनेगा स्टेट कैंसर संस्थान
प्रदेश में कैंसर की रोकथाम तथा उपचार के लिए डॉ. राधाकृष्णन मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में 100 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ स्टेट कैंसर संस्थान की स्थापना की जाएगी। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद की सहायता से प्रदेश में बढ़ते कैंसर के रोगियों के कारणों का पता भी लगाया जाएगा। कैंसर पीड़ित मरीजों को प्रदेश में ही कीमोथेरपी तथा प्रशामक देखभाल की सुविधा प्रदान करने के लिए जिला अस्पतालों तथा चयनित आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों’ पर कैंसर डे केयर सेंटर की स्थापना की जाएगी। इन केंद्रों में कीमोथेरपी ले रहे सभी मरीजों के लिए बेड का प्रावधान होगा तथा कीमोथेरपी दवाओं को राज्य आवश्यक दवा सूची में शामिल किया जाएगा ताकि मरीजों को कीमोथेरपी के लिए अधिक पैसा व्यय न करना पड़े। पिछले बजट में घोषित 69 आदर्श स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्य विभिन्न चरणों में है तथा इनमें से अधिकांश का कार्य 2024-25 में पूरा कर दिया जाएगा तथा इसी वर्ष यंत्रावली और उपकरण की व्यवस्था करने के लिए 1 करोड़ रुपये प्रति केंद्र उपलब्ध करवाए जाएंगे।स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 3415 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।
325 किलोमीटर नई सड़कों व आठ पुलों का निर्माण होगा
प्रदेश में वर्तमान में 40703 किलोमीटर मोटर योग्य सड़कें, 34055 किलोमीटर पक्की सड़कें तथा 2 478 पुल हैं। कुल 3615 ग्राम पंचायतों में से 3578 ग्राम पंचायतों को मोटर योग्य अथवा जीप योग्य सड़कों से जोड़ा जा चुका है। शेष बची पंचायतों में से 10 और पंचायतों को 2024-25 में मोटर योग्य सड़क से जोड़ दिया जाएगा। सरकार की ओर से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-3 के अंतर्गत 2683 किलोमीटर लंबी 254 सड़कों के लिए 2643 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्राप्त की गई है। 500 किलोमीटर लंबी सड़कों की अपग्रेडेशन किया जाएगा। 325 किलोमीटर नई सड़कों व आठ पुलों का निर्माण होगा। 15 बस्तियों को सड़क से जोड़ा जाएगा। इस प्रकार प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत 825 किलोमीटर लंबी सड़कों व 8 पुलों का निर्माण किया जाएगा। इसके अतिरिक्त ‘प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना-1 व 2 के अंतर्गत 150 किलोमीटर लंबी सड़कों में क्रॉस जल निकासी की जाएगी।
4490 करोड़ का प्रस्ताव केंद्र को भेजा जाएगा
सरकार ने 2024-25 में 115 किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय उच्च राजमार्गों पर 631 करोड़ रुपये के व्यय से 13 पुलों सहित 19 कार्यों को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इसके अतिरिक्त 4490 करोड़ रुपये की लागत से राष्ट्रीय उच्च राजमार्गों को दो लेन अथवा फोरलेन करने के लिए एक प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा। इनमें 500 करोड़ रुपये की लागत से सैंज लूहरी औट, 750 करोड़ रुपये की लागत से सैंज-लूहरी औट राष्ट्रीय उच्च राजमार्ग परजलोड़ी पास सुंरग का निर्माण प्रस्तावित है। 200 करोड़ रुपये की लागत से नगरोटा बगवां-रानीताल, 300 करोड़ रुपये से चंबा-भरमौर, 500 करोड़ से नाहन-कुम्हारहट्टी और लगभग 250 करोड़ से विभिन्न राष्ट्रीय उच्च राजमार्गों पर पुलों का निर्माण किया जाएगा। लगभग दो हजार करोड़ रुपये की लागत से विभिन्न कार्य किए जाएंगे। आगामी वर्ष के दौरान नाबार्ड के माध्यम से आरआईडीएफ के तहत 205 किलोमीटर लंबी नई सड़कों, 305 किलोमीटर सड़कों पर क्रॉस ड्रेनेज, 425 किलोमीटर लंबी सड़कों की टारिंग व 27 पुलों का निर्माण किया जाएगा।
किस विभाग को कितना बजट
शिक्षा : 9,890 करोड़
सड़कें व पुल : 4,317 करोड़
स्वास्थ्य : 3,415 करोड़
जल शक्ति : 3,365 करोड़
सामाजिक सुरक्षा, महिला, बाल विकास : 2,457 करोड़
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज : 2,356 करोड़
वन : 834 करोड़
कृषि : 582 करोड़
बागवानी : 531 करोड़
आंकड़ों की नजर में बजट
वित्तीय वर्ष 2024-25
बजट आकार : 58,444 करोड़ रुपये
राजस्व प्राप्तियां : 42,153 करोड़ रुपये
राजस्व व्यय : 46,667 करोड़ रुपये
राजस्व घाटा : 4,514 करोड़ रुपये
राजकोषीय घाटा : 10,784 करोड़ रुपये
विकास दर : 7.1
प्रति व्यक्ति आय : 2,35,199 रुपये
सकल घरेलू उत्पाद : 2,07,430 करोड़ रुपये
इन दस बिंदुओं पर बजट बनाकर लिया आत्मनिर्भर हिमाचल का संकल्प
1. समृद्ध किसान हिमाचल
2. हरित और स्वच्छ हिमाचल
3. बिजली राज्य हिमाचल
4. पर्यटन राज्य हिमाचल
5. कुशल और दक्ष हिमाचल
6. स्वस्थ एवं शिक्षित हिमाचल
7. निवेशक मित्र हिमाचल
8. नशामुक्त हिमाचल
9. अवैध खनन मुक्त हिमाचल
10. समृद्ध और संपन्न हिमाचल
हिमाचल में होगा फिल्म विकास परिषद का गठन
हिमाचल प्रदेश को फिल्मों की शुटिंग के लिए एक पसंदीदा गंतव्य बनाने को 2024-25 से फिल्म नीति का कार्यान्वयन किया जाएगा। इसके तहत राज्य स्तर पर एक फिल्म विकास परिषद का गठन किया जाएगा। सूचना एवं जन संपर्क विभाग में फिल्म सुविधा सेल की स्थापना की जाएगी। फिल्मों की शूटिंग के लिए ऑनलाइन आवेदन तथा अनुमति प्रदान करने के लिए वेब पोर्टल की स्थापना की जाएगी। सरकारी योजनाओं और विकास नीतियों को प्रभावी रूप से विभिन्न वेब चैनल, न्यूज वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफार्म के माध्यम से प्रसारित एवं प्रचारित करने के लिए डिजिटल मीडिया नीति 2024 का कार्यान्वयन किया जाएगा। सरकारी कार्यक्रमों और कार्यकलापों से संबंधित सूचना को हिमसूचना कोष डाटा एप के माध्यम से संकलित किया जाएगा, जिससे प्रकाशन के लिए तथा प्रेस में देने योग्य सूचना को तुरंत ही प्राप्त कर लेख प्रिंट किए जा सके।
20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक