Third Eye Today News

मुख्यमंत्री सुक्खु की महिला विरोधी मानसिकता एक बार फिर उजागर : डेज़ी ठाकुर

Spread the love

सुक्खु सरकार के लिए महिला सशक्तिकरण सिर्फ भाषणों की बात है, व्यवहार में यह सरकार महिला विरोधी है : डेज़ी ठाकुर

शिमला, भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष डेज़ी ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खु की सरकार महिलाओं से बार-बार विश्वासघात कर रही है। कांग्रेस सरकार की हर नीति और निर्णय में महिलाओं के अधिकारों को कुचला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा शिमला नगर निगम के मेयर और डिप्टी मेयर के कार्यकाल को पाँच वर्ष कर देने का निर्णय लोकतंत्र और महिलाओं के आरक्षण अधिकार पर सीधा हमला है।

डेज़ी ठाकुर ने कहा कि रोस्टर के अनुसार इस बार शिमला नगर निगम में महिला को मेयर बनना था, लेकिन मुख्यमंत्री ने अपने मित्र मेयर को बचाने और खुश करने के लिए रोस्टर ही बदल डाला। यह कदम सुक्खु सरकार की महिला विरोधी सोच का जीता-जागता उदाहरण है। लोकतंत्र की मूल भावना और महिलाओं की भागीदारी को दरकिनार कर केवल अपने नज़दीकी नेताओं को लाभ पहुँचाने की यह कोशिश निंदनीय है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने पहले भी महिलाओं को धोखा दिया था—सत्ता में आने से पहले 1500 रुपये प्रतिमाह देने का झूठा वादा कर प्रदेश की आधी आबादी को ठगा गया। और अब, जब महिलाओं को मेयर पद का अधिकार मिलना था, तब कांग्रेस सरकार ने रोस्टर से छेड़छाड़ कर महिलाओं का राजनीतिक हक छीन लिया। यह प्रदेश की हर उस महिला का अपमान है जो राजनीति में समान भागीदारी चाहती है।

भाजपा महिला मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री सुक्खु की महिला विरोधी मानसिकता इस बात से भी स्पष्ट होती है कि तीन साल में उन्होंने अपने मंत्रिमंडल में महिला कोटे से एक भी मंत्री नहीं बनाई। पहले तो कांग्रेस के पास महिला विधायक नही थी परंतु अब अपनी पत्नी कमलेश ठाकुर के साथ साथ लाहौल से विधायक अनुराधा राणा भी है परंतु फ़िर भी किसी एक महिला को स्थान नही दिया गया।महिला सशक्तिकरण की बातें करने वाली कांग्रेस सरकार वास्तव में महिलाओं को केवल “वोट बैंक” मानती है, “साझेदार” नहीं।

उन्होंने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा इस अन्याय के खिलाफ प्रदेशव्यापी अभियान चलाएगा और कांग्रेस सरकार से मांग करेगा कि महिलाओं के संवैधानिक अधिकारों और आरक्षण व्यवस्था के साथ खिलवाड़ बंद किया जाए। मुख्यमंत्री को याद रखना चाहिए कि महिलाओं की शक्ति को अनदेखा करने वाली हर सरकार को जनता जल्द सबक सिखाती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक