मुख्यमंत्री परेशान, गलत केस बनाना दुर्भाग्यपूर्ण भाषा का प्रयोग बना आम : भाजपा

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शिमला, भाजपा के पूर्व मंत्री सुखराम चौधरी एवं प्रवता विधायक बलबीर वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा विधायकों की तुलना काला नाग और भेड़ बकरियों से करना निंदाजनक है, प्रदेश की जनता चुने हुए प्रतिनिधियों का अपमान कभी नहीं सहन करेगी।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू लगातार सत्ता का दुरुपयोग कर रहे हैं और दुरुपयोग कर केवल मात्र चूने हुए प्रतिनिधियों को परेशान करने का पूर्ण प्रयास कर रहे हैं।

राजस्थान में 32 नेताओं ने भाजपा की सदयस्ता ग्रहण की इन नेताओं में लालचंद कटारिया, राजेंद्र यादव, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा जैसे दिग्गज नेता शामिल हैं।

कांग्रेस के राष्ट्रीय स्तरीय नेता गुलाब नबी आजाद, ज्योतिरादित्य सिंधिया, मिलंद दयोरा, रीता बहुगुणा सभी ने पार्टी छोड़ी पर उनके प्रति कोई भी किसी ने इस प्रकार की टिपनी नही की जिस प्रकार से वर्तमान मुख्यमंत्री कर रहे है।

यह सरकार अपल्मत में है और इनको सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूरी तरह घबरा, बौखलाए और बौराए हुए हैं, इसका प्रत्यक्ष उनकी भोकलाहट में साफ नजर आ रहा है, मंचों से वह किस प्रकार की अभद्र भाषा का प्रयोग कर चुने हुए प्रतिनिधियों को नीचा दिखाने का प्रयास कर रहे है वो जनता जानती है।

लगातार एक के बाद एक ओवर ओवर में वह बैठकर बुला रहे है और ऐसी बैठके जिनका महत्व ही नहीं है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक और मशाल जुलूस की तुलना कैसे की जा सकती है वह मुख्यमंत्री ही जाने उनके विधायक भी ऐसे निर्णय से अचंबा में है।

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री केवल प्रतिशोध की राजनीति को जन्म दे रहे हैं केवल विधायकों को विलंबन करना, उन पर झूठ कैस बनाना और विधायकों को परेशान करना सरकार का काम रह गया हैं। झूठे केस बनाना गलत है।
सत्ता का क्या काम है वह मुख्यमंत्री भूल गए हैं, ऐसा लग रहा है कि मुख्यमंत्री केवल कुर्सी बचाने का कार्य कर रहे हैं और कुर्सी दोनों हाथों से इतनी जोर की पकड़ी है कि एक हाथ से विकास कार्य भी नही कर पा रहे है। हिमाचल में विकास ठप हो गया है। पहले भी प्रदेश में विकास कार्यों की गति में तेजी आ नहीं रही थी पर अब विकास कार्य नकारात्मक गति के साथ नीचे की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक