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मुख्यमंत्री ने हिमाचल प्रदेश को पूर्ण साक्षर राज्य किया घोषित

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हिमाचल प्रदेश ने शिक्षा के क्षेत्र में अभूतपूर्व सफलता हासिल करते हुए आज पूर्ण साक्षर राज्यों की सूची में अपना नाम अंकित करवानेे की उपलब्धि हासिल की। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस के अवसर पर शिमला में आयोजित ‘पूर्ण साक्षर हिमाचल समारोह एवं उल्लास मेला-2025’ के अवसर पर हिमाचल प्रदेश को ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ घोषित किया। यह कार्यक्रम निदेशालय स्कूल शिक्षा द्वारा आयोजित किया गया था।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने ‘पूर्ण साक्षर राज्य’ बनने पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि राज्य इस उपलब्धि को निर्धारित समय सीमा से पूर्व हासिल करने में सफल रहा है। उन्होंने कहा कि निरक्षर से पूर्ण साक्षर का सफर चुनौतियों भरा रहा है। हिमाचल प्रदेश गुणात्मक शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य के साथ निरंतर आगे बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि समय के साथ-साथ शिक्षा की सार्थकता बनाए रखने के लिए आधुनिक दौर के अनुसार शिक्षा प्रणाली में बदलाव लाना आवश्यक होता है। हिमाचल को यदि पूर्ण साक्षर राज्य के साथ ही शिक्षा के क्षेत्र में हर स्तर पर अग्रणी बनाए रखना है तो इस क्षेत्र में निरंतर सुधार करने होंगे। प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा क्षेत्र में किए गए सुधारों के फलस्वरूप हिमाचल में साक्षरता 99.30 प्रतिशत पहुंच गई है, जो राष्ट्रीय मानक 95 प्रतिशत से कहीं अधिक है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं में कमी को पहचाना और उन्हें दूर करने के लिए सार्थक कदम उठाए। वर्तमान में विद्यार्थी-अध्यापक अनुपात में प्रदेश देश भर में अव्वल स्थान पर है। उन्होंने कहा कि आगामी वर्षों में शिक्षा के क्षेत्र में अनेक सकारात्मक बदलाव लाए जाएंगे। सरकारी शिक्षण संस्थानों को श्रेष्ठ संस्थानों के रूप में बदला जाएगा। हमारी सरकार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर ध्यान केन्द्रित कर रही है। परिवर्तन की राह पर आगे बढ़ते हुए हम राज्य में विश्वस्तरीय शैक्षणिक संस्थान विकसित करने के लिए प्रयासरत हैं।
मुख्यमंत्री ने पूर्ण साक्षर राज्य के दृष्टिगत योगदान देने वाले अधिकारियों, स्वंयसेवकों और नव साक्षरों को सम्मानित किया। उन्होंने उल्लास कार्यक्रम के तहत लगाई गई प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया।
शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि आज का दिन हिमाचल के इतिहास में स्वर्णिम अध्याय के रूप में याद किया जाएगा। देश द्वारा आजादी प्राप्त करने के बाद हिमाचल शिक्षा के क्षेत्र में लगभग अंतिम पायदान पर था। प्रदेश की सभी सरकारों ने अपने-अपने कार्यकाल में ज्ञान की अलख जगाए रखी। प्रदेश में शिक्षा का सफ़र लगभग 7 प्रतिशत साक्षरता की दर से आरम्भ हुआ था। हमें गर्व है कि आज हिमाचल सम्पूर्ण भारत में पूर्ण साक्षर राज्यों की श्रेणी में अपना मकाम बनाने में सफल रहा है। प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र को मज़बूत करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति से अनेक कठिन निर्णय लिये हैं। प्रदेश में विद्यार्थियों की ड्रॉप आउट दर अब लगभग शून्य तक पहुंच चुकी है। उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में वर्तमान सरकार द्वारा की गई नवीन पहलों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने पूर्ण साक्षर राज्य का लक्ष्य प्राप्त करने में योगदान देने वाले व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और बधाई दी।
केन्द्रीय सचिव शिक्षा संजय कुमार ने वीडियो संदेश द्वारा हिमाचल को यह उपलब्धि हासिल करने के लिए शुभकामनाएं दी। उन्होंने नव साक्षरों को कौशल आधारित शिक्षा प्रदान करने पर बल दिया।


शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने मुख्यमंत्री एवं अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए कहा कि पूर्ण साक्षर राज्य का दर्जा प्राप्त करने के लिए हिमाचल ने विभिन्न मापदंडों के तहत उपलब्धियां हासिल की हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में शिक्षा के क्षेत्र में विभिन्न क्षमताओं में वृद्धि की जाएगी ताकि भविष्य की चुनौतियों का दृढ़ता से सामना किया जा सके।
निदेशक स्कूल शिक्षा आशीष कोहली ने उल्लास मेला के बारे में विस्तार सेे जानकारी दी। उन्होंने कहा कि उल्लास कार्यक्रम के तहत ‘जन-जन साक्षर’ के ध्येय से कार्य करते हुए प्रदेश में अनेक महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों को सफलतापूर्वक लागू किया गया है।
इस अवसर पर स्वंयसेवी अध्यापकों और नव साक्षरों ने अपने अनुभव साझा किये। विगत तीन दशक से अधिक समय में प्रदेश के पूर्ण साक्षरता के सफर में महिला मंडलों, युवक मंडलों, स्वंयसेवी संस्थाओं तथा स्वंयसेवकों ने अमूल्य योगदान दिया है। राज्य के शिक्षा सचिव राकेश कंवर 1990 में साक्षरता मिशन में साक्षरता स्वंयसेवक के रूप में कार्य कर चुके हैं।
इस अवसर पर महापौर नगर निगम शिमला सुरेन्द्र चौहान, उपायुक्त अनुपम कश्यप, पुलिस अधीक्षक संजीव गांधी, वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षाविद् और गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक