Third Eye Today News

मुख्यमंत्री ने हरी झंडी दिखाकर आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री की रवाना

Spread the love

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज ओक ओवर से राज्य के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के लिए राहत सामग्री के पांच वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। अंतरराष्ट्रीय लायंस क्लब द्वारा प्रदान की गई इस राहत सामग्री में 161 किट हैं जिनमें सूखा राशन, बर्तन, कंबल, तिरपाल और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल हैं। यह सामग्री संबंधित उप-मंडल मजिस्ट्रेटों के माध्यम से प्रभावित परिवारों को वितरित की जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने इस उदार सहायता के लिए अंतरराष्ट्रीय लायंस क्लब का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस मानसून सीजन के दौरान राज्य को व्यापक नुकसान हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप न केवल बहुमूल्य जानें गईं, बल्कि सार्वजनिक और निजी संपत्ति को भी भारी नुकसान हुआ है। उन्होंने प्रभावित परिवारों की सहायता के लिए आगे आए विभिन्न संगठनों और लोगों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार अपने सीमित संसाधनों में भी हर संभव सहायता प्रदान कर रही है और प्रभावित लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने वर्ष 2023 की तर्ज पर वर्ष 2025 में भी आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा की है। इसके तहत पूरी तरह क्षतिग्रस्त मकानों के लिए मुआवजा राशि 1.30 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये की गई है।
इस अवसर पर विधायक हरीश जनारथा, शिमला नगर निगम के महापौर सुरेन्द्र चौहान, कांग्रेस नेता सुरेन्द्र मनकोटिया, लायंस क्लब के डिस्ट्रिक्ट गवर्नर दिनेश बत्रा, मल्टीपल चेयर कॉर्डिनेटर रमन गुप्ता, डिस्ट्रिक्ट केबिनेट सचिव धीरज जैन, डिस्ट्रिक्ट केबिनेट कोषाध्यक्ष अतुल शर्मा, रीजन चेयरपर्सन रजनीश कतना, शिमला अध्यक्ष गोपाल कृष्ण वैद, प्रोजेक्ट चेयरपर्सन डॉ. आर.के. जिष्टू सहित क्लब के अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक