मुख्यमंत्री ने माँ शूलिनी मेले को राष्ट्र स्तरीय दर्जा प्रदान करने की घोषणा की

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सोलन में नवनिर्मित सैनिक विश्राम गृह का लोकार्पण किया मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शुक्रवार सायं सोलन में राज्य स्तरीय माँ शूलिनी मेले का शुभारम्भ किया। प्रदेशवासियों को मेले की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री ने माँ शूलिनी मेले को अगले वर्ष से राष्ट्र स्तरीय मेले के रूप में आयोजित करने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश देवभूमि है और यहां के लोगों की देवी-देवताओं में गहरी आस्था है।

ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि इस वित्त वर्ष के लिए प्रदेश सरकार द्वारा प्रस्तुत किए गए बजट में समाज के सभी वर्गों की आवश्यकताओं का ध्यान रखते हुए इसमें समृद्ध हिमाचल की परिकल्पना की गई है और यह आत्मनिर्भर हिमाचल की झलक भी पेश करता है। उन्होंने कहा कि आर्थिक चुनौतियों के बावजूद सरकार अगले चार वर्षों के भीतर राज्य की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा, हिमाचल प्रदेश परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है और दो से तीन वर्ष के भीतर सरकार की कल्याणकारी नीतियां धरातल पर उतरेंगी। मुख्यमंत्री ने शूलिनी माता की पूजा-अर्चना कर उन्हें नमन किया और राज्य की शांति और समृद्धि के लिए प्रार्थना की। इस अवसर पर उन्होंने माँ शूलिनी मंदिर की वेबसाइट भी लॉन्च की और स्मारिका का विमोचन किया।

इससे पहले, ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सोलन में 3.15 करोड़ रुपये की लागत से नवनिर्मित सैनिक विश्राम गृह का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री के सोलन आगमन पर लोग भारी उत्साह के साथ उनकी एक झलक पाने के लिए सोलन माल रोड पर एकत्रित हुए। लोगों ने मुख्यमंत्री के साथ सेल्फी भी ली। उपायुक्त एवं माँ शूलिनी मेला समिति के अध्यक्ष मनमोहन शर्मा ने मुख्यमंत्री को हिमाचली शॉल और टोपी भेंट कर सम्मानित किया।

पहली सांस्कृतिक संध्या में पंजाबी गायक जस्सी गिल ने अपनी प्रस्तुति से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल, मुख्य संसदीय सचिव चौधरी राम कुमार और संजय अवस्थी, विधायक विनोद सुल्तानपुरी और सुदर्शन बबलू, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा, मुख्यमंत्री के ओएसडी रितेश कपरेट, सोलन नगर निगम की महापौर पूनम ग्रोवर, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान और अन्य अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक