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मुख्यमंत्री ने एचपीयू के 56वें स्थापना दिवस की दी शुभकामनाएं

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के 56वें स्थापना दिवस के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं दी हैं। अपने एक संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हम सभी के लिए गौरव का क्षण है कि इस विश्वविद्यालय ने युवाओं को ज्ञान प्रदान करने के 55 वर्ष पूर्ण कर लिए हैं। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है, बल्कि यह प्रदेश के सामाजिक, राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक विकास का भी प्रतिबिंब है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस विश्वविद्यालय ने देश और प्रदेश को ऐसे मेधावी छात्र दिए हैं, जो आज विभिन्न क्षेत्रों में अपनी पहचान बना चुके हैं और विश्वभर में हिमाचल का नाम रोशन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं तथा उनके जीवन की दिशा तय करने, विचारों को आकार देने और व्यक्तित्व के विकास में इस विश्वविद्यालय की अहम भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में बिताए गए पल, शिक्षकों का मार्गदर्शन और मित्रों के साथ बिताया गया समय आज भी उनकेे स्मरण में जीवंत है।
श्री सुक्खू ने कहा कि आज सूचना प्रौद्योगिकी का समय है। प्रौद्योगिकी एवं नवाचार के इस युग में हमें भी समय के साथ चलना होगा। उन्होंने कहा कि अगर हम बदलाव के साथ नहीं चले, तो हम पिछड़ सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसलिए विश्वविद्यालय को बदलाव का एक सशक्त प्रतीक बनना चाहिए, जहां न केवल शैक्षणिक पाठ्यक्रमों को आधुनिक बनाया जाए, बल्कि प्रशासनिक कार्यप्रणालियों में भी सुधार हो। बदलते समय के साथ विश्वविद्यालय को पाठ्यक्रम बनाने, बदलने और समय-समय पर उसमें नयापन लाने के लिए अपनी प्रक्रियाओं को आसान और लचीला बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आज बाज़ार में जिन विषयांें एवं कौशल की मांग है उनके अनुसार नए कोर्स शुरू करना और समय के अनुसार अनुपयोगी कोर्स बंद करके नए कोर्स चलाने के लचीलेपन को अपनाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य होना चाहिए कि विश्वविद्यालय से निकलने वाले युवा न केवल डिग्रीधारी हों, बल्कि वे कौशलयुक्त, आत्मनिर्भर और भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हों। इसी दिशा में आज खुल रहे पांच नए शोध केंद्र एक सकारात्मक पहल है। उन्होंने इस पहल के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. महावीर सिंह की सराहना की। उन्होंने आशा व्यक्त की कि ऐसे बदलाव आगे भी निरंतर होते रहेंगे और विश्वविद्यालय प्रगति की ओर अग्रसर होगा।
उन्होंने विश्वविद्यालय के शिक्षण और गैर-शिक्षण स्टाफ का आपदा प्रभावितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में अपने वेतन से अंशदान देने के निर्णय के लिए भी उनका आभार व्यक्त किया।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक