मुख्यमंत्री जनता को गुमराह करना बंद करे : सिकंदर

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शिमला, भाजपा के प्रदेश महामंत्री एवं राज्यसभा सांसद डॉ सिकंदर कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू केवल मात्र बयान बाजी करके जनता का ध्यान भटकना चाहते हैं। उन्होंने कहा लगातार भाजपा के सभी सांसद केंद्र मंत्रियों से हिमाचल में आपदा को लेकर मिले भी और अपनी मांगे भी निरंतर रूप से रखी है, सभी भाजपा के सांसदों ने लोकसभा और राज्यसभा में भी इस मुद्दे को उठाया है। सिकंदर ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपनी कांग्रेस की सांसद प्रतिभा सिंह से पूछना चाहिए कि उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र मंडी के लिए क्या किया। वैसे तो मुख्यमंत्री स्वयं अपनी ही सांसद प्रतिभा सिंह को सवालों के कटघरे में खड़ा कर चुके है।

उन्होंने कहा कि मैंने स्वयं लोकसभा में 26 जुलाई 2023 को राज्यसभा में गृह मंत्री से सवाल पूछा था जिसका उन्होंने उत्तर भी दिया।
क्या गृह मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि क्या तीनों मौसमों की आपदाओं यानी मानसून के दौरान बाढ़, भूस्खलन और बादल फटने और सर्दियों के दौरान गंभीर बर्फबारी और गर्मियों के मौसम में दावानल, जो आम है, के प्रबंधन के लिए कोई सर्वकालिक तंत्र विचाराधीन है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है; और (ख) क्या सरकार का हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में समय-समय पर होने वाली प्राकृतिक आपदाओं को देखते हुए हिमाचल प्रदेश में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की तैनाती बढ़ाने का विचार है, यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है?

उत्तर में मंत्री ने जवाब दिया
गृह मंत्रालय में राज्य मंत्री (श्री नित्यानंद राय)
(क) : प्राकृतिक आपदाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए उपयुक्त तैयारी और शीघ्र कार्रवाई तंत्र विकसित करने के लिए देश में राष्ट्रीय, राज्य और जिला स्तर पर संस्थागत प्रणाली मोजूद हैं। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005, आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) को विकास योजनाओं की मुख्यधारा में लाने की आवश्यकता को रेखांकित करता है। आपदा प्रबंधन सम्बन्धी राष्ट्रीय नीति और राष्ट्रीय योजना का उद्देश्य एक सुरक्षित और आपदा-सक्षम भारत का निर्माण करना है। यद्यपि आपदा प्रबंधन की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकारों की है, फिर भी केंद्र सरकार राज्यों को स्थिति से प्रभावी रूप से निपटने में उनके प्रयासों में सहायता प्रदान करने के लिए सभी संभव लॉजिस्टिक्स और वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा किए गए उपायों से आपदा प्रबंधन प्रथाओं, तैयारियों, रोकथाम और कार्रवाई तंत्र में काफी सुधार हुआ है, जिसके परिणामस्वरूप देश में प्राकृतिक आपदाओं के दौरान हताहतों की संख्या में पर्याप्त कमी आई है। (ख) : हिमाचल प्रदेश राज्य की सुभेद्यता के आधार पर, एनडीआरएफ की एक बटालियन राज्य के कांगड़ा जिले के नूरपुर में तैनात की गई है। इसके अलावा, इस बटालियन की अन्य टीमों को राज्य में चार (04) अन्य स्थानों पर तैनात किया गया है, जो कि शिमला जिले के रामपुर, सोलन जिले के नालागढ़, मंडी जिले के द्रुङ्ग एवं सलापड़ में हैं।

सिकंदर ने कहा कि केंद्र सरकार ने निरंतर हिमाचल प्रदेश के लिए कार्य किया है जिसका सबसे ताजा उदाहरण प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत मिलने वाले 2600 करोड़ से ज्यादा की राशि है। इसे पूर्व केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को 180 करोड़, 181 करोड़ और 190 करोड़ की राशि आपदा के लिए दी है। आर्थिक संकट में कार्य करने के लिए 490 करोड़ से ज्यादा की राशि भी केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश को प्रदान की है। कांग्रेस के नेताओं को टिपनी करने से पहले इस बारे में सोचना चाहिए।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक