मानसून सत्र की तिथियां तय, आशा वर्करों के 290 पद भरने की मंजूरी, जानें बड़े फैसले
हिमाचल प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई। लगातार चाैथे दिन आयोजित की गई बैठक में कई बड़े फैसले लिए गए हैं। मंत्रिमंडल ने राज्य में लाॅटरी स्कीम को फिर से खोलने के लिए मंजूरी दी गई। इससे राज्य की आय में इजाफा होगा। कैबिनेट मंत्री हर्षवर्धन चाैहान व विक्रमादित्य सिंह ने मंत्रिमंडल के फैसलों की जानकारी दी। दूरस्थ और जनजातीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए मंत्रिमंडल ने 290 अतिरिक्त आशा कार्यकर्ताओं की नियुक्ति को भी मंजूरी दी, जिससे इन क्षेत्रों में आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक बेहतर पहुंच सुनिश्चित होगी।
राज्यपाल को मिलेेगी 95 लाख रुपये की मर्सिडीज बेंज गाड़ी
आपदा में बेघर हुए प्रभावितों को किराये के मकान में रहने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में पांच हजार रुपये और शहरी क्षेत्रों में 10 हजार रुपये दिए जाएंगे। यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। मंत्रिमंडल ने राज्यपाल के लिए 95 लाख रुपये की मर्सिडीज बेंज गाड़ी को खरीदने की भी मंजूरी दी। क्योंकि पहले से माैजूद गाड़ी को नियमों के अनुसार बदला जाना है। मंत्रिमंडल ने पर्यटन विकास परिषद के गठन को भी मंजूरी दी। इसके तहत 50 करोड़ से अधिक लागत की पर्यटन परियोजनाओं की मंजूरी परिषद देगी।
शहरी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू होगा
सोलन व पालमपुर नगर निगम के पानी के बिल अब आईपीएच विभाग जारी करेगा। आगामी शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण लागू करने का निर्णय लिया गया। इसके लिए आरक्षण रोस्टर को अंतिम रूप देने से पहले पिछड़े वर्गों की जनसंख्या के सटीक आंकड़े एकत्र करने के लिए पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन को भी मंजूरी दी गई। मंत्रिमंडल ने राज्यपाल को हिमाचल प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 18 अगस्त से 2 सितंबर तक बुलाने की सिफारिश की। इसमें 12 बैठकें होंगी। इतना लंबा सत्र इसलिए रखा गया है ताकि सदस्य अपने क्षेत्र में आपदा से हुए नुकसान पर अपनी बात रख सके।
टीजीटी और जेबीटी पदों के लिए अभ्यर्थियों को ऊपरी आयु सीमा में छूट
बैठक में हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग की ओर से आयोजित की जाने वाली टीजीटी और जेबीटी पदों के लिए प्रतियोगी परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों के लिए ऊपरी आयु सीमा में दो वर्ष की एक बार की छूट भी प्रदान की गई। मंत्रिमंडल ने अनाथ बच्चों के लिए आईटीआई, पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग और फार्मेसी कॉलेजों सहित सभी सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त एवं निजी तकनीकी संस्थानों में प्रति पाठ्यक्रम एक सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया।