मानव एकता दिवस – निष्काम सेवा का अनुपम संकल्प शिविर में 110 यूनिट रक्त किया एकत्र
प्रेम और भाईचारे की भावना को उजागर करता ‘मानव एकता दिवस’, निरंकारी मिशन द्वारा प्रति वर्ष 24 अप्रैल को बाबा गुरबचन सिंह जी की पावन स्मृति में श्रद्धा और आध्यात्मिक भावनाओं से परिपूर्ण वातावरण में आयोजित किया जाता है। यह दिन केवल पुण्य स्मरण का अवसर नहीं, अपितु मानवता, सौहार्द और एकत्व की भावनाओं का एक आत्मिक संगम है।
मानव एकता दिवस के अवसर पर मिशन द्वारा देशभर में रक्तदान की प्रेरक श्रृंखला आरंभ होती है, जो निःस्वार्थ सेवा भावना की सामूहिक जागृति का स्वरूप बनकर पूरे वर्ष समाज में प्रवाहित होती रहती है। इसके साथ ही सत्संग कार्यक्रमों के माध्यम से प्रेम, शांति और समरसता का प्रकाश भी जन-जन तक पहुँचाया जाता है। यह दिन इस बात का परिचायक है कि सेवा केवल एक कार्य नहीं, अपितु निष्काम समर्पण का आत्मिक भाव है।
इस वर्ष भी, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन द्वारा पूरे भारतवर्ष की लगभग 500 से अधिक ब्रांचों पर भव्य रक्तदान शिविरों की अविरल शृंखला आयोजित की गई। संत निरंकारी मिशन के अन्तर्गत जोन नम्बर 5A सोलन के संयोजक एवं जोनल इंचार्ज विवेक कालिया ने जानकारी देते हुए बताया कि आज सम्पूर्ण भारतवर्ष में आयोजित रक्तदान श्रृंखला में लगभग 30,000 यूनिट रक्त एकत्रित किया गया, जिनमें से संत निरंकारी मिशन की शाखा सोलन में भी आज रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया जिसमें कि 110 यूनिट रक्तदान हुआ, जिसमें कि क्षेत्रीय हस्पताल सोलन से एम०डी० मैड्सिन डा० अनुज गुप्ता ने विशेष रूप से शिरकत की।
दिल्ली स्थित ग्राउंड नंबर 8, निरंकारी चौक बुराड़ी में आयोजित हुआ रक्तदान शिविर विशेष रूप से केंद्र बिंदु रहा, जहाँ श्रद्धालु अधिक संख्या में सम्मिलित हुए। सभी ने पूर्ण उत्साह और समर्पण के साथ स्वेच्छा भाव से रक्तदान कर मानव कल्याण में अपना सहयोग दिया।
युगदृष्टा बाबा गुरबचन सिंह जी ने सत्य बोध के माध्यम से समाज को अंधविश्वासों और कुरीतियों से मुक्त कर, नशा मुक्ति, सादा विवाह और युवाओं को सकारात्मक सोच के साथ जोड़ने जैसे लोक-कल्याणकारी अभियानों की प्रेरक शुरुआत की। उनके पावन मार्गदर्शन को आगे बढ़ाते हुए बाबा हरदेव सिंह जी ने “रक्त नाड़ियों में बहे, नालियों में नहीं” का अमर संदेश देकर रक्तदान को मिशन की आध्यात्मिक सेवा का अभिन्न अंग बना दिया। यह संदेश आज भी प्रत्येक निरंकारी भक्त के हृदय में सेवा और समर्पण की प्रेरक लौ बनकर जीवंत है।
यह दिवस चाचा प्रताप सिंह जी सहित उन सभी समर्पित बलिदानी संतों की पुण्य स्मृति का प्रतीक है, जिन्होंने मानव एकता, निःस्वार्थ सेवा और आध्यात्मिक चेतना के मार्ग पर चलते हुए अपना संपूर्ण जीवन अर्पित कर दिया। मानव एकता दिवस उन्हीं संतों के दृढ़ विश्वास व संकल्प की प्रेरणा को जीवंत करता है।