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मानवीय गुणों की पहचान ही जीवन की सार्थकता- ब्रह्मज्ञान से जीवन सहज

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आध्यात्मिकता ही मानव एकता को मजबूती दे सकती है तथा मानव को मानव के निकट लाकर आपसी प्रेम और सौहार्द का वातावरण बना सकी है। इसी मन्तव्य से सतगुरु माता सुदीक्षा जी महाराज एवं निरंकारी राजपिता जी के आशीर्वाद से आज हिमाचल के द्वार परवाणू में जोन 5A सोलन के अन्तर्गत जोनल स्तरीय समागम का आयोजन किया गया! इस संत समागम में जिला सिरमौर व सोलन की 27 ब्रांचों से आए श्रद्धालु भक्त इस दिव्य संत समागम में सम्मिलित हुए और सभी ने सत्संग के माध्यम से आध्यात्मिक आनंद की दिव्य अनुभूति प्राप्त की। इस पावन अवसर पर अनेकों संतों के तप, त्याग और ब्रह्मज्ञान के प्रचार-प्रसार में उनके अमूल्य योगदान को स्मरण किया गया और उनके जीवन से प्रेरणा ली गईं।

संत समागम की अध्यक्षता करते हुए केन्द्र से आए आदरणीय एच०एस० गुलेरिया जी, मैंम्बर इंचार्ज प्रचार एवं प्रसार संत निरंकारी मण्डल ने अपने सम्बोधन में सैंकड़ों श्रद्धालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मानवीय गुणों की पहचान ही जीवन की सार्थकता है व ब्रह्मज्ञान से जहां जीवन सहज बन सकता वहीं इस आत्मा का मेल परमात्मा से होगा व जन्म मरण के बंधनों से निजात मिलेगी! सत्य का संग तभी सम्भव है जब हम स्वयं की पहचान करेगें एवं संपूर्ण भाव से पूर्ण सतगुरू के चरणों में स्वयं को समर्पित करेगें, इसी भाव को मुडुंको उपनिषद में बताया गया है कि अह्म ब्रह्म अस्मि!

जोन के जोनल इंचार्ज विवेक कालिया ने जानकारी देते हुए बताया कि सतगुरु की असीम कृपा से ऐसे भव्य आयोजनों का मकसद मानव मात्र को इस परम् सत्ता ईश्वर के ज्ञान का बोध करवाना है व इस आत्मा का मिलन प्रभु परमात्मा से करवा कर बार-बार जन्म मरण के बन्धनों से मुक्ति दिलवाना ही मुख्य उद्देश्य है! मिशन के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए इन्होने कहा कि 24 अप्रैल 2025 को सम्पूर्ण विश्व के लगभग 500 से अधिक स्थानों पर संत निरंकारी मिशन की समाज कल्याण शाखा संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के तत्वाधान में रक्तदान शिविर की अविरल श्रृंखलाओं का व्यापक स्तर पर आयोजन किया जायेगा जिसमें लगभग 50,000 से अधिक रक्तदाता मानवता की भलाई हेतु रक्तदान कर निःस्वार्थ सेवा का उदाहरण प्रस्तुत करेंगे।

युगदृष्टा बाबा हरदेव सिंह जी द्वारा सन् 1986 से आरम्भ हुई परोपकार की यह मुहिम, महाअभियान के रूप में आज अपने चरमोत्कर्ष पर है। पिछले लगभग 4 दशकों में आयोजित 8644 शिविरों में 14,05,177 युनिट रक्त मानवमात्र की भलाई हेतु दिया जा चुका है और यह सेवाएं निरंतर जारी है।

 

निश्चित रूप में लोक कल्याण हेतु चलाये जा रहे विभिन्न प्रकार के अभियान सामाजिक उत्थान हेतु निरंकारी सतगुरु की प्रदत्त सिखलाइयो को दर्शाते हुए एक दिव्य संदेश प्रेषित कर रहा है जिससे हर प्राणी प्रेरणा प्राप्त कर अपने जीवन को कृतार्थ कर रहा है।

अन्त में सन्त निरंकारी ब्रांच परवाणू के मुखी महात्मा आदरणीय जयदयाल जी ने संत समागम में आए समस्त मानव परिवार का जिसमें कि स्थानीय निकायों से आए प्रतिनिधियों व प्रशासन का इस कार्यक्रम में सहयोग प्रदान करने पर विशेष रूप से धन्यवाद किया!

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक