Third Eye Today News

महिला क्रिकेट वर्ल्ड कप फ़ाइनल में हिमाचल की चमक: रेणुका ठाकुर व हरलीन पर नजरे

Spread the love

रविवार को आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप 2025 का फ़ाइनल भारत और दक्षिण अफ़्रीका के बीच खेला जाएगा। यह मैच न सिर्फ़ देश के लिए, बल्कि हिमाचल प्रदेश के लिए भी गौरव का क्षण है, क्योंकि भारतीय टीम की अंतिम 15 सदस्यीय टीम में राज्य की दो प्रतिभाशाली महिला खिलाड़ी, तेज़ गेंदबाज़ रेणुका सिंह ठाकुर और बल्लेबाज़ हरलीन दयोल शामिल हैं। हिमाचल की बेटियों’ का शिखर तक का सफ़र संघर्ष और लगन की मिसाल है।

रेणुका सिंह ठाकुर: संघर्ष व रफ़्तार की कहानी
शिमला के रोहड़ू तहसील के गांव पारसा की रहने वाली रेणुका सिंह ठाकुर का सफ़र भी प्रेरणादायक रहा है। महज़ तीन साल की उम्र में पिता को खो देने के बाद, उनकी मां सुनीता ठाकुर ने सीमित संसाधनों में उन्हें पाला। भाई विनोद ने अपने क्रिकेट का सपना छोड़ दिया ताकि रेणुका आगे बढ़ सकें।

 अपनी तेज़ रफ़्तार और गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने की क्षमता के कारण रेणुका जल्द ही भारतीय पेस अटैक की मुख्य खिलाड़ी बन गईं। इस विश्व कप में, उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी अपनी भूमिका निभाई है। सेमी-फ़ाइनल में ऑस्ट्रेलिया को हराने वाली टीम की वह अहम सदस्य थीं। फ़ाइनल जैसे बड़े मंच पर, उनकी गेंदबाज़ी दक्षिण अफ़्रीकी बल्लेबाज़ी क्रम के लिए एक बड़ी चुनौती साबित होगी।हिमाचल प्रदेश के खेल मंत्री अवनीश परमार ने भी दोनों खिलाड़ियों की सराहना करते हुए उम्मीद जताई है कि वे भारतीय टीम को विश्व विजेता बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी।

हरलीन दयोल: शानदार फ़ील्डर और टॉप ऑर्डर बल्लेबाज़
चंडीगढ़ में जन्मी और हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) से प्रशिक्षित, हरलीन दयोल एक आक्रामक मिडिल-ऑर्डर बल्लेबाज़ और शानदार फ़ील्डर हैं। वह देश की दूसरी क्रिकेटर थीं, जिन्हें एचपीसीए ने तैयार किया और उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत का प्रतिनिधित्व किया।

       हालांकि इस टूर्नामेंट के लीग मैचों में हरलीन को कुछ स्टार्ट मिले, जिन्हें वह बड़ी पारी में नहीं बदल पाईं, लेकिन उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में टीम को संतुलन प्रदान किया है। सेमी-फ़ाइनल में उन्हें प्लेइंग-खिलाडियों की सूचि से बाहर रखा गया था, लेकिन फ़ाइनल में वह अपनी शानदार फ़ील्डिंग और बल्ले से बड़े योगदान के लिए वापसी कर सकती हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक