महिला के अंतिम संस्कार पर ग्रामीणों ने किया हंगामा, बुलानी पड़ी पुलिस
मंडी जिले में सोमवार को 65 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने दम तोड़ा दिया था। मंगलवार को महिला के शव का अंतिम संस्कार किया गया। हालांकि, अंतिम संस्कार से पहले विवाद हो गया। मंगलवार सुबह मृतक महिला का अंतिम संस्कार बल्ह की कंसा की सुकेती खड्ड के किनारे किया जाना था, लेकिन जैसे ही एम्बुलेंस के माध्यम से महिला का शव कंसा के समीप पहुँचा, तो लोगों ने अंतिम संस्कार से पहले खूब विरोध जताया। लोग महिला के शव को खुले में जलाने का विरोध कर रहे थे। बल्ह क्षेत्र में लोगों ने सड़क पर पत्थर रख दिए। आलम यह हुआ कि तनाव को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस बुलानी पड़ी। स्थिति खराब होती देखकर डीएसपी अनिल पटियाल और थाना प्रभारी बल्ह राजेश ठाकुर ने लोगों पार्षदों सहित अन्य इक्ट्ठा हुए लोगों को समझाया । लेकिन लोग मृतिका का अंतिम संस्कार न करने पर अड़े रहे। वहीं मौके पर एसडीएम बल्ह आशीष शर्मा ने भी लोगों को समझाया और शांति बहाल की गई। इस दौरान सुकेती खड्ड का यह क्षेत्र पुलिस छावनी में तबदील हो गया।
बता दें कि प्रशासन द्वारा कोविड-19 के कारण मृत्यु होने पर अंतिम संस्कार के लिए इसी स्थान को चिन्हित किया गया है। लेकिन मृतक महिला के अंतिम संस्कार को लेकर मौके पर नगर परिषद के वार्ड डडौर के पार्षद आलमू राम और सुमन चौधरी ने लगभग 100 गांववासियों सहित जमकर हंगामा किया। जानकारी के अनुसार बीते कल सोमवार को नेरचौक नगर परिषद के वार्ड रत्ती निवासी अशोका रानी ने मेडिकल कॉलेज नेरचौक में दम तोड़ दिया। अशोका रानी किडनी रोग से भी पीड़ित थी और डायलिसिस पर थीं। पार्षदों सहित लोगों का विरोध यह था कि मृतिका अशोका रानी स्थानीय निवासी है। जब उनके वार्ड रत्ती में शमशान घाट मौजूद है तो वहां उनका अंतिम संस्कार किया जाए। पार्षदों ने कहा कि पहले मौके पर हमीरपुर निवासी का दाह संस्कार किया गया है, जिसमें मानवीयता के आधार पर ग्रामीणों द्वारा कोई भी विरोध नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी ग्रामीणों का विरोध जारी रहेगा। उधर मामले को लेकर दूरभाष के माध्यम से डीसी ऋगवेद ठाकुर ने कहा कि प्रशासन द्वारा जो जगह शव को जलाने के लिए चिन्हित की गई है। उसी जगह पर महिला का अंतिम संस्कार किया गया है। अगर किसी का कोई भी सुझाव है तो वे प्रशासन को आकर बता सकते हैं।