मस्जिद विवाद : नगर निगम आयुक्त के फैसले को चुनौती, वक्फ बोर्ड से मांगा एफिडेविट
नगर निगम (MC) आयुक्त के 5 अक्टूबर को संजौली मस्जिद को गिराने के फैसले के खिलाफ ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन के प्रमुख नजाकत अली द्वारा दायर याचिका पर जिला अदालत में सुनवाई हुई। याचिका में आरोप लगाया गया है कि आयुक्त का फैसला त्रुटिपूर्ण (डिफेक्टेड) है और इसे पुनः जांच के लिए वापस भेजा जाना चाहिए।
नजाकत अली ने अपनी याचिका में तर्क दिया है कि MC आयुक्त ने यह फैसला संजौली मस्जिद कमेटी द्वारा प्रस्तुत हलफनामे के आधार पर सुनाया है। याचिकाकर्ता ने इसे पक्षपातपूर्ण और गलत ठहराते हुए जिला अदालत से हस्तक्षेप की मांग की है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने अदालत से अनुरोध किया कि इस मामले को नगर निगम आयुक्त को पुनः सुनवाई के लिए भेजा जाए, ताकि तथ्यों की गहराई से जांच की जा सके। जिला अदालत ने मस्जिद विवाद में वक्फ बोर्ड से स्पष्टीकरण मांगते हुए एफिडेविट जमा करने को कहा है।
अदालत ने यह जानने के लिए मस्जिद कमेटी के प्रधान मोहम्मद लतीफ की वैधता पर सवाल उठाए हैं कि क्या उन्हें वक्फ बोर्ड द्वारा अधिकृत किया गया था। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार, 22 नवंबर को निर्धारित की गई है। इस दौरान वक्फ बोर्ड द्वारा एफिडेविट जमा करने और अन्य पक्षों की दलीलें सुनी जाएंगी।
क्या है मामला
यह विवाद संजौली में मस्जिद से जुड़ा है, जिसे लेकर MC आयुक्त ने इसे अवैध निर्माण मानते हुए गिराने का आदेश दिया था। मुस्लिम संगठनों ने इसे धार्मिक और कानूनी अधिकारों का उल्लंघन बताते हुए अदालत में चुनौती दी है।