मस्जिद विवाद के बाद मंडी शहर से गायब हुई अधिकतर रेहड़ियां

Spread the love

मंडी शहर में मस्जिद के अवैध निर्माण को लेकर जो विवाद चला हुआ है उसका एक परिणाम यह भी देखने को मिल रहा कि मंडी शहर की बहुत सी रेहड़ियां इस विवाद के बाद से अचानक गायब हो गई हैं। मंडी शहर के बहुत से प्रमुख स्थानों पर दिन भर मक्की, गोलगप्पे, चना चाट, सीडू मोमो, नारियल पानी या अन्य प्रकार की रेहड़ियां नजर आती थी, जोकि इन दिनों पूरी तरह से गायब हैं। बता दे कि शहर में सिर्फ वही रेहड़ी-फड़ियां दिख रही हैं जो स्थानीय लोगों की हैं या फिर जो लोग वर्षों से यहां पंजीकृत तरीके से कारोबार कर रहे हैं। स्थानीय रेहड़ी-फड़ी धारक और दुकानदार इस बात पर अपनी मुहर भी लगा रहे हैं। रेहड़ी-फड़ी धारक तीर्थ राज और दुकानदार कालू राम ने बताया कि बहुत से ऐसे नए चेहरे बाजार में रेहड़ियां लगाते थे जिन्हें पहले कभी नहीं देखा था, लेकिन मस्जिद विवाद के बाद से यह सभी अब गायब हैं। इन्होंने और स्थानीय निवासी देशमित्र ने प्रशासन से बाहर से यहां आकर रहने वालों का पंजीकरण सख्ती से सुनिश्चित करने की मांग उठाई है। इनका यह भी कहना है कि देश के हर नागरिक को किसी भी स्थान पर रोजगार करने की आजादी है, लेकिन यह सब नियमों और अनुशासन में होना चाहिए।

नगर निगम मंडी के मेयर वीरेंद्र भट्ट ने कहा कि शहर में जो पंजीकृत रेहड़ी-फड़ी धाारक हैं उनकी रेहड़ियां सुचारू रूप से चल रही हैं। हो सकता है कि जो लोग अवैध तरीके से लगा रहे हों वे अब न लगा रहे हों। उन्होंने सभी प्रवासियों से अनुरोध किया है कि वे पंजीकरण करवाकर ही अपना कारोबार शुरू करें। इसके साथ ही इन्होंने स्थानीय दुकानदारों और मकान मालिकों से भी आग्रह किया है कि उनके पास रह रहे लोगों की वेरिफिकेशन हर हाल में करवाएं ताकि सभी प्रवासियों की सही जानकारी पुलिस और प्रशासन के पास उपलब्ध हो सके।

इन स्थानों से गायब हुई हैं रेहड़ियां
मंडी शहर में बस स्टैंड के बाहर कॉलेज गेट के आस-पास, पुलिस लाइन के गेट के सामने, आईटीआई चौक के पास और पुल के उपर, विश्वकर्मा मंदिर के पास, मंगवाई बाजार में, महामृत्युंज्य मंदिर वाले चौक के आस-पास, सेरी मंच, चौहाटा बाजार, विक्टोरिया पुल के साथ बने नए पुल पर, स्कूल बाजार में, सुकोड़ी चौक के आस-पास और शहर के अन्य स्थानों पर। इन सभी स्थानों पर अमूमन खान-पान से संबंधित चलती-फिरती रेहड़ियां दिखाई देती थी, जोकि मस्जिद विवाद के बाद से नजर नहीं आ रही हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक