हिमाचल प्रदेश में डॉक्टर पेन डाउन स्ट्राइक पर चले गए हैं। आज सुबह 9.30 से 11 बजे तक डॉक्टर OPD में नहीं आएं। इससे राज्य के अधिकांश मेडिकल कालेज और अस्पतालों में मरीजों को सुबह के वक्त परेशानियों का सामना करना पड़ा। हिमाचल मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन (HMOA) ने नॉन प्रैक्टिस अलाउंस (NPA) बंद करने पर पेन डाउन स्ट्राइक का ऐलान कर रखा है। HMOA का दावा है कि जब तक NPA बहाल नहीं किया जाता, तब तक हड़ताल को खत्म नहीं किया जाएगा। आज भी डॉक्टर सुबह 11 बजे के बाद OPD में लौटें और अब काले बिल्ले लगाकर ड्यूटी दे रहे हैं। हालांकि इमरजेंसी और ऑपरेशन थिएटर की सेवाएं पहले की तरह आज भी चलती रही।
आर्थिक संकट से जूझ रही सुक्खू सरकार ने स्वास्थ्य मेडिकल एजुकेशन, डेंटल और पशुपालन विभाग में भविष्य में तैनात होने वाले डॉक्टरों का NPA बंद करने का निर्णय लिया है। सरकार के इस निर्णय पर डॉक्टर भड़क गए हैं। इसे लेकर स्वास्थ्य मंत्री धनीराम शांडिल भी डॉक्टरों के साथ मीटिंग कर चुके हैं, लेकिन बैठक बेनतीजा रही। इसमें कोई समाधान नहीं निकाला जा सका। जाहिर है कि आगामी दिनों में डॉक्टर और सरकार के बीच टकराव बढ़ने वाला है।
मेडिकल ऑफिसर एसोसिएशन के प्रेस सचिव डॉ. विजय राल ने बताया कि NPA बंद करना न्यायसंगत नहीं है। इससे डॉक्टर हतोत्साहित होंगे। उन्होंने बताया कि NPA बहाल नहीं किया तो आंदोलन को उग्र किया जाएगा। एसोसिएशन ने सभी मेडिकल कॉलेज में लगाए गए HAS अधिकारियों को भी हटाने की मांग की है। इनकी जगह सीनियर डॉक्टर लगाए जाने चाहिए। डॉक्टरों को बेसिक सैलरी का 20 फीसदी NPA मिलता है। इसका मकसद डॉक्टरों को चिकित्सीय सेवाओं के लिए प्रोत्साहित करना है। यह भारत सरकार की सिफारिश पर सभी राज्यों में दिया जाता है, लेकिन सुक्खू सरकार ने माली वित्तीय हालत को देखते हुए इसे बंद करने का निर्णय लिया है।
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