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मनरेगा के हिमाचल सरकार ने केंद्र को जमा करवाने है 123.24 करोड़ : नंदा

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भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि मनरेगा को लेकर कांग्रेस पार्टी एक झूठा नॉरेटिव बनाने का प्रयास कर रही है। अगर हिमाचल प्रदेश में मनरेगा के काम ठप है तो उसके लिए केवल मात्र वर्तमान सुक्खू कांग्रेस सरकार जिम्मेवार है।
मनरेगा को लेकर प्रदेश में कांग्रेस के मंत्री भी झूठ बोल रहे हैं। सवाल तो यह खड़े होते हैं कि कांग्रेस पार्टी की सरकार बताएं कि क्या 11 दिसंबर 2024, 7 जनवरी 2025, 27 फरवरी 2025 और 25 मार्च 2025 को केंद्र सरकार द्वारा प्रदेश के खजाने में मनरेगा के तहत 25 करोड़ नहीं भेजे गये थे ?
क्या वित्त वर्ष 2024 एवं 2025 में मनरेगा के 414 करोड नहीं आए?
अगर मनरेगा की बकाया राशि हिमाचल प्रदेश के खजाने में नहीं आई तो उसके लिए क्या कांग्रेस सरकार जिम्मेदार नहीं है ?

भाजपा मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत अगर पूरे देश की बात करें तो 75% खर्च केंद्र सरकार वहन करती है और 25% प्रदेश सरकार। शायद कांग्रेस सरकार यह भूल गई होगी कि हिमाचल प्रदेश में 90% खर्च केंद्र सरकार वहन करती है और केवल 10% खर्च वर्तमान हिमाचल सरकार और यह भारतीय जनता पार्टी की केंद्र शासित सरकार की देन है, अगर कांग्रेस की सरकार होती तो 75-25 का मॉडल हिमाचल प्रदेश में भी चलता रहता।

नंदा ने कहा कि केंद्र सरकार ने हिमाचल प्रदेश कि किसी भी योजना का पैसा नहीं रोका है, अगर पैसा रुका है तो केवल मात्र वर्तमान कांग्रेस सरकार की नाकामी के कारण। हिमाचल प्रदेश ने मनरेगा स्कीम के केंद्र सरकार को 123.24 करोड़ देने हैं, जिसके कारण हिमाचल प्रदेश की किस्त लंबित है।

 
अगर हम इनके सब हेड की बात करें तो वेतन के 95.41 करोड़, सामग्री के 25.22 करोड़ और प्रशासनिक व्यय के 2.60 करोड़ देनदारी हिमाचल सरकार की हैं। जब यह देनदारी हिमाचल प्रदेश केंद्र को दे देगा तो मनरेगा के अंतर्गत भी सभी पैसा प्रदेश का आ जाएगा, तो गलती तो कांग्रेस सरकार की है पर जैसे कि हिमाचल प्रदेश में एक प्रथा है कोई भी गलती वर्तमान कांग्रेस सरकार की हो उसको केंद्र सरकार के पाले में फेंक देना। कांग्रेस सरकार अपनी एक भी गलती नहीं मानेगी पर केवल मात्र केंद्र को दोष देगी।
इस उपलक्ष में प्रशांत वीरेंद्र आर्य एवं कुलदीप ठाकुर उपस्थित रहे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक