मध्यप्रदेश में सियासी उथल पुथल के बीच बड़ी खबर सामने आ रही है। सूत्रों के मुताबिक बेंगलुरू में ठहरे ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 10 विधायक और 2 मंत्री भाजपा में जाने को तैयार नहीं हो रहे हैं। उनका कहना है कि हम लोग ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए आए थे, भाजपा में जाने के लिए नहीं। वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार बहुमत होने का दावा कर रहे हैं। साथ ही फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करने की बात भी कह रहे हैं। वहीं मध्य प्रदेश भाजपा में भी अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई है। मंगलवार को भाजपा कार्यालय में नरोत्तम मिश्रा के समर्थन में नारे लगे थे, जिसे लेकर अंदरूनी खींचतान शुरू हो गई। इसके साथ ही पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं। बताया जा रहा है कि बेंगलुरु में रुके हुए कांग्रेस विधायक भी अपने भूमिको को लेकर पसोपेश में हैं। सिंधिया ने होली के दिन दोपहर 12.10 बजे इस्तीफे की चिट्ठी ट्वीट कर दी। ये चिट्ठी 9 मार्च को ही लिख ली गई थी। इसके बाद कांग्रेस ने महज 20 मिनट बाद उन्हें पार्टी से बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद मध्य प्रदेश में इस्तीफों की झड़ी सी लग गई। वे अपने 19 बागी विधायक समर्थकों के इस्तीफे वाली ग्रुप फोटो के साथ सामने आ गए।
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