मंदिर भी राहत कोष में दें दान -शांता कुमार
सभी धर्मो की संपत्ति का प्रयोग नर सेवा में किया जाना चाहिए क्योकि नर सेवा ही नारायण सेवा है और जीव की सेवा करना ही परमात्मा की सच्ची सेवा है। अपनी बेबाक टिप्पणी के लिए प्रसिद्ध व भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शांता कुमार ने अपनी राय जाहिर करते हुए कहा कि मंदिर भी राहत कोष में दान दें। उन्होने कहा कि भारत के पुराने मंदिरों में इतनी संपत्ति पड़ी है कि कुछेक की आंकी भी नहीं गई है। सोने व चांदी से भरे कमरों के ताले भी नहीं खोले हैं। उन्होने कहा कि इन मंदिरों को राहत कोष में दान देने के लिए प्रेरित किया जाए। तर्क दिया कि यह भगवान का पैसा है और भगवान केवल ईंट-पत्थरों के मंदिरों में ही नहीं रहते हैं। वेदांत के अनुसार, प्रत्येक व्यक्ति परमेश्वर है। यदि वही परमेश्वर आज दु:खी है तो उसी परमेश्वर का धन इस काम के लिए लगाना चाहिए।