मंत्री विक्रमादित्य के नाम पर खाते से आठ लाख रुपए की रकम निकालने की कोशिश
राजधानी शिमला में साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। ठग अब आम लोगों के साथ-साथ वीआईपी को भी अपने निशाने पर ले रहे हैं। ताजा मामला प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह से जुड़ा है जिनके बैंक खाते से करीब आठ लाख रुपये निकालने की कोशिश की गई। गनीमत यह रही कि बैंक की सतर्कता के चलते यह धोखाधड़ी समय रहते नाकाम हो गई।यूको बैंक की विधानसभा शाखा की प्रबंधक प्रिया छाबड़ा की ओर से इस घटना की शिकायत बालूगंज थाना में दर्ज करवाई गई है। शिकायत के मुताबिक बैंक में एक फोन कॉल आया जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को सचिवालय का कर्मचारी बताते हुए मंत्री विक्रमादित्य सिंह के खाते की जानकारी मांगी। साथ ही एक जरूरी कार्य का हवाला देते हुए खाते से 7.85 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से ट्रांसफर करने की बात कही।
हालांकि शाखा प्रबंधक को कॉल पर शक हुआ और उन्होंने तत्परता दिखाते हुए तुरंत मंत्री के निजी सचिव से संपर्क किया। जब यह पुष्टि हुई कि ऐसी कोई कॉल सचिवालय से नहीं की गई है तो उन्होंने तुरंत संभावित ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी और पुलिस को इसकी जानकारी दी। इस तरह एक बड़ी साइबर ठगी की कोशिश नाकाम कर दी गई।
पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 319(2) और 62 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया है। बालूगंज थाना के एक अधिकारी ने बताया कि इस मामले में तकनीकी जांच की जा रही है और कॉल डिटेल्स के माध्यम से आरोपी की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। यदि शाखा प्रबंधक सतर्कता न दिखाते तो बड़ी धनराशि की ठगी हो सकती थी। यह घटना न केवल बैंकिंग कर्मचारियों के लिए चेतावनी है, बल्कि आम नागरिकों के लिए भी सबक है कि किसी भी अनजान कॉल या संदिग्ध गतिविधि को नजरअंदाज न करें और समय पर उचित जांच-पड़ताल करें।