मंडी में बादल फटने के बाद भारी तबाही : सर्च ऑपरेशन जारी, 3 श#व बरामद,7 ला#पता

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आपदा के दौरान सबसे मुश्किल और चुनौतीपूर्ण काम तब हो जाता है जब आपको बीना मशीनरी के भारी भरकम मलबे के बीच रेस्क्यू और सर्च  ऑपरेशन  चलाना पड़ता है। लेकिन हिम्मत और हौंसला साथ हो तो फिर ऐसी स्थिति में भी इंसान आगे बढ़ जाता है। कुछ ऐसी ही हिम्मत और हौंसले का परिचय दिया मंडी जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और होमगार्ड सहित स्थानीय लोगों के प्रयासों ने। मंडी जिला के पधर उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धमच्याण के रामबन गांव में बुधवार रात को बादल फटने के बाद जो तबाही मची उसे देखकर हर किसी का दिल सिहर उठा है। घटना में 3 शव निकाले गए है, जबकि 7 लोग अभी भी लापता है।

रात करीब डेढ़ बजे प्रशासन को सूचना मिली और डीसी मंडी अपूर्व देवगन रात को ही अपनी टीम के साथ घटनास्थल के लिए रवाना हो गए। मंडी से थलटूखोड तक रास्ते में जगह-जगह भूस्खलन हुआ था और सड़क क्षतिग्रस्त थी। इन सभी बाधाओं से पार पाते हुए अपनी टीम को लेकर थलटूखोड गांव पहुंचे और यहां से शुरू की 5 किमी की वो पैदल यात्रा जहां लोग प्रशासन की मदद का इंतजार कर रहे थे। गांव तक जाने वाली सड़क का नामों निशां ही नहीं बचा था, ऐसे में मशीनरी ले जाने का तो सवाल ही पैदा नहीं होता था। ढाई घंटों में पैदल यात्रा को पार करते हुए साढ़े 9 बजे डीसी मंडी अपनी टीम के साथ रामबन गांव पहुंचे और तुरंत प्रभाव से रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन को शुरू किया।

पारंपरिक औजारों के साथ स्थानीय लोगों की मदद से दिन भर सर्च एवं रेस्क्यू ऑपरेशन जारी रहा। भारी भरकम मलबे के बीच पारंपरिक औजारों से लापता लोगों की तलाश करना आसान काम नहीं था लेकिन हिम्मत और हौंसले के साथ इस काम को किया गया। दिन भर की कड़ी मेहनत और मशक्कत के बाद शाम तक तीन शवों को निकाला गया, जबकि 7 लोग अभी भी मलबे में दबे हुए हैं। इस दौरान पधर की कार्यकारी एसडीएम भावना ने भी अपनी बेहतरीन भूमिका का निर्वहन किया और स्थानीय प्रशासनिक स्तर पर वो हर संभव कार्य करने का प्रयास किया जिससे रेस्क्यू व सर्च ऑपरेशन को बल मिल सके।

मौके पर गए लोगों ने बताया कि बादल फटने के बाद अब मंजर कुछ ऐसा है कि मलबे को पारंपरिक औजारों की मदद से हटा पाना संभव नहीं, बावजूद इसके प्रशासन की टीम यहां इस कार्य में लगी हुई है। ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि कुछ लोग पानी के तेज बहाव के साथ बह गए होंगे और उन्हें तलाश करना आसान काम नहीं है। बहुत अधिक समय तक लोगों की मदद से इस सर्च ऑपरेशन का चला पाना भी संभव नहीं है। ऐसे में देखना होगा कि प्रशासन की आगामी रणनीति क्या रहती है क्योंकि रिश्तेदार और परिजन 7 लोगों के मिलने के इंतजार में हर गतिविधि पर नजरें टिकाए बैठे हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक