मंडी में कुदरत का कहर : एक रात में उजड़ गए दो घर, बह गईं 9 जिंदगियां
30 जून की वो काली रात… मंडी जिला के गोहर उपमंडल के संयाज गांव के लिए कभी न भूलने वाला खौफ बनकर आई। बादलों की गड़गड़ाहट, तेज बारिश और खटोली खड्ड का रौद्र रूप… और बस कुछ ही पलों में दो घर जमींदोज हो गए। वहां जहां कल तक बच्चों की खिलखिलाहट गूंजती थीं, आज सिर्फ खामोशी है।
एक ही परिवार के 9 सदस्य… बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग… सब प्रलय में बह गए। न किसी को समय मिला, न तो बचने की कोई राह।
ग्रामीणों व प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार जब अचानक नाले ने उग्र रूप लिया तो दोनों परिवार जान बचाने के लिए घर की छतों पर चढ़ गए। गांव वालों ने भी उन्हें देखा… अपने सामने अपनों को बहता देखा…लेकिन असहाय होकर कोई कुछ नहीं कर सका। वो पल ऐसा था, जब इंसान कुदरत के आगे खुद को पूरी तरह बेबस महसूस करता है।
एक दिन पहले तक जहां जीवन था, हंसी थी, खाना पक रहा था, परिवार एक साथ बैठा था…आज वहां सिर्फ टूटी लकड़ियां, मलबा और सूनापन बाकी है। अब कोई यह नहीं कह सकता कि यहां कभी घर भी थे।
एनडीआरएफ की टीमें मलबे में दबे इन नौ जिंदगियों की तलाश कर रही हैं। लेकिन गांव की आंखें अब भी राह देख रही हैं, शायद कोई चमत्कार हो जाए… शायद कोई लौटा दिया जाए…
आज संयाज गांव में सिर्फ दर्द, सन्नाटा और यादें रह गई हैं।