बालीचौकी उपमंडल के तहत आने वाले कुकलाह गांव के प्रभावितों की तरह ही खोला नाला पंचायत के गौणी गांव के प्रभावित भी फौरी राहत के लिए तरस गए हैं। प्रभावितों का आरोप है कि एक महीना बीतने जा रहा है, लेकिन अभी तक इन्हें फौरी राहत नहीं मिल पाई है। प्रशासन ने इन प्रभावितों के रहने-खाने की व्यवस्था नगवाईं स्थित राधा स्वामी सत्संग भवन में की है।
प्रभावितों को हर प्रकार की सुविधा देने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन प्रभावितों का कहना है कि उन्हें फौरी राहत नहीं दी गई है। प्रभावित हेमा कुमारी, नागणू राम, चमन लाल और भंतो देवी ने बताया कि उनके गांव में बीती 24 अगस्त को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है, जिससे 11 मकान क्षतिग्रस्त हो गए थे। उसके बाद एनडीआरएफ और प्रशासन की टीम इन्हें रेस्क्यू करके राहत शिविर में ले आई। अब ये लोग यहीं पर रह रहे हैं।
प्रभावितों ने सरकार व प्रशासन से गुहार लगाई है कि इन्हें जल्द से जल्द घर बनाने के लिए जमीन दी जाए और घर बनाने में आर्थिक मदद भी मुहैया करवाई जाए। प्रभावितों का कहना है कि गांव में कुछ घर बच गए हैं, लेकिन वो भी खतरे की जद में आ गए हैं जिस कारण वहां पर रह पाना किसी भी लिहाज से संभव नहीं है। इनका यह भी आरोप है कि सरकार इनकी कोई सुध नहीं ले रही है।
डीसी अरिंदम चौधरी ने बताया कि सभी प्रभावितों को नियमों के तहत मुआवजा दिया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा पूरी लिस्ट बनाई गई है। गौणी गांव के लोगों का नंबर सूची में थोड़ा बाद में आया है, लेकिन इन्हें भी एक सप्ताह के भीतर मुआवजा राशि अदा कर दी जाएगी। इनके रहने-खाने सहित अन्य प्रकार की सुविधाओं पर पूरा ध्यान दिया जा रहा है।
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