भोटा चैरिटेबल अस्पताल को बंद करने के मामले ने पकड़ा तूल, CM ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक

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हमीरपुर स्थित भोटा में राधा स्वामी सत्संग व्यास के चैरिटेबल अस्पताल को 1 दिसंबर से बंद करने का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है और इसे लेकर विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। लोग सड़क पर उतरकर इस अस्पताल को बंद न करने की मांग कर रहे हैं। यह अस्पताल इलाके की 75 पंचायतों के करीब 30 हज़ार लोगों को निःशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहा है। स्थानीय लोग इसे बंद करने के खिलाफ आक्रोशित हैं। इस प्रदर्शन के कारण जिले भर में सड़कें और हाईवे जाम हो रहे हैं, जिससे यातायात में भारी बाधा उत्पन्न हो रही है।

लोगों का कहना है कि अगर यह अस्पताल बंद हो गया तो उन्हें भारी नुकसान होगा, क्योंकि यहां दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाएं न केवल गुणवत्तापूर्ण होती हैं, बल्कि यह गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए भी एकमात्र विकल्प है।

मुख्यमंत्री सुक्खू ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने 1 दिसंबर को रविवार के दिन अपने आधिकारिक निवास ओक ओवर में एक उच्च स्तरीय बैठक बुलाई है। बैठक में राजस्व विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव भी मौजूद रहेंगे। मुख्यमंत्री ने पहले ही यह स्पष्ट किया है कि यदि जनता के हित में ऐसा कुछ करना पड़ा, तो सरकार कानून में परिवर्तन करने से पीछे नहीं हटेगी। इसके साथ ही अगर यह मामला विधानसभा के शीतकालीन सत्र में समाधान की ओर नहीं बढ़ता है तो सरकार अध्यादेश लाने पर विचार करेगी।

भोटा में 1999 में स्थापित हुआ था चैरिटेबल अस्पताल

राधा स्वामी चैरिटेबल अस्पताल भोटा की स्थापना 1999 में हुई थी और तब से यह अस्पताल भोटा और आस-पास के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाओं का एक अहम केंद्र बन चुका है। अब तक हजारों लोगों ने इस अस्पताल से उपचार प्राप्त किया है। अस्पताल में 45 बिस्तरों की क्षमता है और यहां मुफ्त इलाज, दवाइयां, ऑपरेशन और अन्य चिकित्सकीय सेवाएं उपलब्ध कराई जाती हैं।

अस्पताल प्रबंधन की अपग्रेडेशन और भूमि हस्तांतरण की योजना

दरअसल, राधा स्वामी सत्संग व्यास प्रबंधन ने अस्पताल को अपग्रेड करने के लिए भूमि को महाराज जगत सिंह रिलीफ सोसायटी के नाम हस्तांतरित करने का प्रस्ताव सरकार के पास भेजा है। इस बदलाव के तहत अस्पताल में नए उपकरण और बेहतर मशीनरी की खरीद की योजना है। लेकिन इस प्रक्रिया में एक समस्या उत्पन्न हो गई है। हिमाचल प्रदेश में सीलिंग ऑन लैंड होल्डिंग एक्ट के तहत एक व्यक्ति के पास एक निर्धारित सीमा से अधिक भूमि नहीं हो सकती। इस कानून के चलते अस्पताल की भूमि हस्तांतरण में रुकावट आ रही है, जिससे अस्पताल के अपग्रेडेशन की प्रक्रिया में देरी हो रही है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक