भूरेश्वर मंदिर में 51 फीट ऊंची अद्भुत प्रतिमा भक्तों को समर्पित, सीएम ने नवाया शीश
हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जनपद के पच्छाद उपमंडल में कवागधार स्थित भूरेश्वर महादेव मंदिर के प्रांगण में भगवान शिव की 51 फीट ऊंची विशाल प्रतिमा स्थापित हो गई है। सोमवार को ग्यास पर्व के अवसर पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इस अद्भुत प्रतिमा को शिव भक्तों को समर्पित किया।उन्होंने कहा कि यह स्थल श्रद्धा और आध्यात्म का अनूठा केंद्र बनेगा। इसके अलावा सीएम ने कवागधार हेलीपैड व वन वाटिका का भी उद्घाटन किया। इसके बाद CM यहां से श्री रेणुका जी के लिए रवाना हुए। जहां सीएम अंतरराष्ट्रीय श्री रेणुका जी मेले का शुभारंभ करेंगे।शिव प्रतिमा के ठीक नीचे 11 ज्योतिर्लिंग भी स्थापित किए गए हैं, जो इस स्थल की शोभा को चार चांद लगाएंगे। तकरीबन 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थापित की गई प्रतिमा से चूड़धार की मनोरम चोटी का अद्भुत दृश्य भी दिखाई देता है, जो इसे और भी खास बनाता है।
भगवान शिव की यह प्रतिमा पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध मूर्तिकार समीर पट्या ने डेढ़ से दो साल की मेहनत से तैयार की है। गुफा के आकार के बेस पर बनी इस प्रतिमा की खासियत यह है कि साफ मौसम में यह हरियाणा के मैदानी इलाकों से भी देखी जा सकेगी। मान्यता है कि यहीं से भगवान शिव और माता पार्वती ने महाभारत के कुरुक्षेत्र युद्ध को देखा था, जिससे इस प्रतिमा का धार्मिक महत्व और भी बढ़ जाता है। भूरेश्वर महादेव मंदिर समिति ने इस प्रतिमा के निर्माण पर करीब एक करोड़ रुपए की राशि खर्च की है, जिसमें से लगभग 60 प्रतिशत खर्च जुलाई तक हो चुका था।प्रदेश सरकार के पर्यटन विभाग ने भी मंदिर की कायाकल्प योजना के अंतर्गत 36 लाख रुपए स्वीकृत किए थे, जिसके अंतर्गत क्वागधार से मंदिर तक का ट्रैकिंग रूट भी विकसित किया गया है। इस रास्ते में पर्यटकों के बैठने के लिए बेंच लगाए गए हैं। मूर्तिकार समीर पट्या ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऊंची चोटी पर शिव प्रतिमा का निर्माण उनके लिए एक विशेष अवसर था। उन्होंने कहा कि वे पिछले 22 साल से हिमाचल में हैं और मूर्ति निर्माण की कला उन्हें अपने चाचा से विरासत में मिली है। यह स्थान उनके लिए खास है, जहां से भगवान शिव ने कुरुक्षेत्र युद्ध को देखा था।प्रकृति (Nature) की गोद में आस्था का अद्वितीय संगम चीड़ के जंगलों के बीच देवदार के वृक्षों का विकास इस स्थल को और भी पवित्र बनाता है। हालांकि समिति के सामने एक चुनौती यह भी रहती है कि श्रद्धालु चोटी के किनारे पर न जाएं, क्योंकि सैकड़ों फीट गहरी खाई से गिरने का खतरा रहता है।ऐसे में समिति का प्रयास है कि यह स्थल आस्था के साथ-साथ सुरक्षा का भी प्रतीक बना रहे। आस्था, प्रकृति और अद्वितीयता का मिलन भूरेश्वर महादेव मंदिर सिरमौर जिले में एक अद्वितीय धार्मिक स्थल के रूप में उभर रहा है। यहां भगवान शिव की प्रतिमा न केवल शिव भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करती है, बल्कि यह हिमाचल के पर्यटन में भी नए आयाम जोड़ रही है।