भारत ने FDI पॉलिसी में किया बदलाव, चीन ने जताई आपत्ति

भारत सरकार ने अपनी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) पॉलिसी में बड़ा परिवर्तन किया। उस बदलाव पर चीन ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। चीन ने कहा कि ऐसा करना वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) नियमों और जी-20 में बनी सहमतियों के खिलाफ है। चीन ने भारत से सभी देशों से आने वाले निवेश को समान अनुमति देने की मांग की है। चीन की तरफ से कहा गया है कि चीन ने भारत में बहुत बड़ा निवेश किया है। भारत में चीन ने 8 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है।

चीन के निवेश से भारत में बहुत सारे जॉब क्रिएट हुए हैं। चीन द्वारा हाल ही में किए गए निवेश का कोई गलत उद्देश्य नहीं है। भारत की तरफ से चीन के निवेश को रोकने के लिए उठाया गया कदम उदारीकरण की नीतियों के खिलाफ है। चीन अभी सिर्फ भारत सरकार को एक चिट्ठी लिख कर अपनी आपत्ति जताई है। लेकिन आगे ये मामला WTO तक जा सकता है। बता दे भारत में अभी 16 चाइनीज FPI रजिस्टर्ड हैं। इनका टॉप-टीयर शेयरों में 1.1 अरब डॉलर का निवेश है।

चीन से डायरेक्ट और इनडायरेक्ट तरीके से भारतीय शेयर बाजार में कितना पैसा लगा है, अभी इसकी जानकारी नहीं है। सेबी और डिपॉजिटर्स ने अभी सिर्फ टॉप 10 ज्यूरिशडिक्शन का खुलासा किया है जिसमें चीन नहीं है। एसेट मैनेजर्स का कहना है कि चीन और जापान से होने वाले निवेश को ट्रैक करना काफी मुश्किल है। इन देशों से आने वाला निवेश या तो बहुत छोटा है या फिर वो इंडियन एसेट मैनेजर्स के जरिए निवेश नहीं करते हैं।

